जिस देश में शिक्षा व्यवसाय बन जाए उस देश का नैतिक पतन निश्चित ग्रेटर नोएडा। शिक्षा जैसे शब्द को अपवित्र कर दिया है शिक्षा के नाम पर व्यवसाय चलाने वालों ने । देश के प्राइवेट स्कूलों ने संगठित रूप से खुली लूट मचा रखी है , किताबों के नाम पर , ड्रेस के नाम पर व कन्वेंस के नाम पर तथा मनमानी फीस वृद्धि यह हर साल कर लेते हैं और प्रशासन हर साल की तरह मौन साध लेता है । माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार प्रत्येक सीबीएसई स्कूल में एनसीईआरटी की किताबें होनी चाहिए परंतु सीबीएसई व सुप्रीम कोर्ट को ठेंगा दिखाकर अधिकतर प्राइवेट स्कूल निजी प्रकाशित किताबें बेचते हैं वह भी रेट बढ़ाकर और बेचारे अभिभावकों की हालत ऐसी होती है कि वह इनकी संगठित लूट का विरोध भी नहीं कर सकते । डीपीएस ,जी डी गोयनका, कुमारमंगलम, लोटस वैली जैसे सेकड़ो नामी गिरामी स्कूलो ने तो सारी मर्यादाएं, नैतिकता व कानून को एक तरफ रख कर सिर्फ पैसे को अपना भगवान बना लिया है । और ऐसे ब्रांडो ने फ्रेंचाइजी के नाम पर भारत में खुली लूट मचा रखी है और सरकारे मोन है ।
शिक्षा सेवा की श्रेणी में आती है परंतु ब्रांडेड प्राइवेट स्कूलों ने अपनी फ्रेंचाइजी के नाम पर खुली लूट का व्यवसाय चला रखा है । क्या किसी सोसाइटी को अपनी फ्रेंचाइजी देने का हक है ? सोसाइटी खुद चाहे जितने मर्जी स्कूल चलाएं पर फ्रेंचाइजी नहीं दे सकती ।
फिर किस तरह देश के कोने कोने में ब्रांडेड फ्रेंचाइजी स्कूल खुल गए । नॉन प्रॉफिटेबल के नाम पर चलने वाली सोसाइटियां व एनजीओ के गोरखधंधों की जांच सरकार को शक्ति से पेश आ कर करनी चाहिए । सरकार को चाहिए कि सभी प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को भारत सरकार के अंतर्गत लेकर उनके मालिकों को , सोसाइटीज को , एनजीओ को एक निश्चित रकम देकर देश में शिक्षा को मुफ्त व अनिवार्य कर दें । हमारे देश के सभी राजनीतिक दल देश की जनता को चुनाव के वक्त बहुत सी फ्री रेवड़ियां बांटने की बात करते हैं । कभी हाउस टैक्स फ्री , वाई फाई फ्री , कभी किसानो के करजे माफ कभी कुछ , कभी कुछ फ्री के नारे लगा कर सत्ता पाना चाहते हैं और पा भी जाते हैं । राजनीतिक पार्टियों व राजनेताओं को अगर देश की इतनी ही फिक्र है तो वह कुछ भी नहीं बस शिक्षा फ्री और अनिवार्य कर दे चाहे वह सरकारी स्कूल हो या प्राइवेट स्कूल । परन्तु शिक्षा माफिया इतना मजबूत हैं कि सत्ता में इनकी सीधी पकड़ है । जिला प्रशासन इनके खिलाफ कार्यवाही करने की हिमाकत तक नहीं कर सकता । दूसरी तरफ इनके पास बाउंसरों की फौज है । इनकी खिलाफत करना अपनी जान की बाजी लगाने के बराबर है। इनके प्राइवेट गार्ड भी स्वचालित हथियारों से लैस रहते हैं तो आप इनकी ताकत का अंदाजा स्वयं लगा सकते हो ।