-शांति व सुख समृद्वि स्थापित होगी, विकास के नए द्वारा खुलेंगे
सिटीवेब/अरविंद सिसौदिया।
नानौता। ग्रहों की चाल 499 वर्ष बाद इस बार के होली पर्व पर देश में सुख-समृद्वि व शांति का संयोग लेकर आ रही है। इस बार 9 मार्च को फाल्गुन पूर्णिमा दिन सोमवार को होलिका दहन होगा तो वहीं 10 मार्च दिन मंगलवार को रंगो के साथ होली खेली जाएगी। होली के दिन गुरू व शनिदेव का विशेष योग भी बन रहा है।
पं राजेश शास्त्री ने बताया कि होली (फाग) के दिन गुरू व शनिदेव का अपनी-अपनी राशि में आना घर-परिवार के साथ ही पूरे देश में सुख-समृद्वि एंव शांति स्थापित करने का संयोग है। तो वहीं होलिका दहन के दिन भी संयोग बन रहा है। इस दिन देवगुरू बृहस्पति व मंगल भी एक साथ रहने के चलते बुद्विजीवी वर्ग के लिए अच्छा संकेत माना जा रहा है। इस संयोग में मांगलिक कार्य होने के साथ सुख-समृद्वि व विकास के रास्ते खुलेंगे। जिसका असर देशभर में होगा।
1521 में बन चुका है ऐसा संयोग -
पं राजेश शास्त्री के अनुसार इस बार होलिका दहन व होली के दिन जो संयोग बन रहे है यानि गुरू व शनि एक साथ सूर्यनक्षत्र में आने से शुभफलदायक तो वहीं 9 मार्च को गुरू अपनी धनु राशि में शनि भी अपनी मकर राशि में रहेंगे। इससे पहले ग्रहों का यह संयोग 3 मार्च 1521 को बना था। यह योग देश में शांति बनाएं रखने में कारगर सिद्व होगा।
भद्रा के बजाय स्वार्थ सिद्वी योग में होली -
होली के दिन अधिकांशत भद्रा ही रहती है। इस बार होलिका दहन स्वार्थ सिद्वी योग में किया जाएगा। पंचाग के अनुसार होलिका दहन के लिए गौधूलि वेला का समय यानि 6ः32 से 6ः50 बजे तक सही माना गया है।