सहारनपुर। विभावरी संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम मंे हरिराम पथिक की काव्यकृतियांे सांसों की शब्दावली और देश हमारा का लोकापर्ण किया गया। मुख्य वक्ता डा. वीरेंद्र आजम ने कहा कि पथिक की कविताएं मनुष्य के चिंतन के द्वार खोलती हैं।
कोर्ट रोड स्थित द ताज होटल में विभावरी द्वारा संस्था के संरक्षक हरिराम पथिक की दो काव्यकृतियों सांसों की शब्दावलियां व देश हमारा का भव्य लोकापर्ण किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पदमश्री भारत भूषण तथा संचालन डा. बिजेंद्र पाल शर्मा ने की। इस मौके पर मुख्य वक्ता डा.वीरेंद्र आजम ने साहित्य को समाज का दर्पण बताया। कहा कि पथिक की कविताएं मन के द्धार खोल देती हैं। विशिष्ट वक्ता विनोद भृंग ने पथिक को हिन्दी की पद्यात्मक विधाओं का अनुपम चितेरा बताया। भारत भूषण ने पथिक से जुडे़ अपने संस्मरण सांझा किये। कार्यक्रम के दौरान सुशील नाज, डा. अजय कुमार शर्मा, हेमंत कुमार शर्मा, अक्षत पथिक ने उनकी रचनाओं का सस्वर पाठ करके वातावरण को आनन्दित बना दिया। संस्था अध्यक्ष बालेश्वर कुमार जैन ने सभी का आभार जताया। इस अवसर पर एसएस कुमार, शिवदेवी, रमन सेठ, विनीत राय जैन, ओपी गौड, प्रतिभा, आदेश कुमार, कश्मीर सिंह, रामकुमार शर्मा, विनय रानी, राजेश गोय, सुनील जैन राना, पंकज प्रकाश शर्मा आदि मौजूद रहे।