-सहारनपुर जिले में 50 में से 23 सैंपल पाएं गए फेल
- असुरक्षित मिलने वाले सैंपल दुकानदारों को जारी किए गए नोटिस
सिटीवेब/अरविंद सिसौदिया।
नानौता। दीपावली के मौके हमारे द्वारा जो मिठाइंया और अन्य खाद्य पदार्थ खाएं गए थे। उनके करीब आधे सैंपल फेल पाएं गए है। खाद्य विभाग द्वारा पूरे सहारनपुर जिले से लिए गए 50 में से 23 सैंपल फेल आए है। जांच के दौरान 5 सैंपल ही सबस्टैंडर्ड पाएं गए है। इसे देखकर आप भी जान सकते है कि मिलावट का धंधा किस तरह से फल-फूल रहा है। सैंपल फेल पाएं जाने वाले विक्रेताओं को नोटिस जारी किए गए है।
चंद मुनाफे के लिए मिलावटखोर किस प्रकार से जिले के लोगों की सेहत से खिलवाड कर रहे है इसका पता तब चला जब दीपावली पर्व के दौरान जिला खाद्य अधिकारी रणधीर सिंह राठौर के निर्देशन में टीमों द्वारा सहारनपुर जिले में मिठाइंयो और विभिन्न खाद्य पदार्थो की सैंपलिंग की गई थी। ताकि मिठाइयों व अन्य खाद्य पदार्थो में शुद्वता बनी रहे। इसी सैंपलिंग के तहत 50 में से 23 सैंपल फेल मिले।
दोबारा टैस्ट भी करा सकते है दुकानदार -
जिलेभर से जिन दुकादनदारों के सैंपल फेल आएं है अगर वह खाद्य विभाग की रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं होता है तो दोबारा टेस्ट करा सकते है। लेकिन इसके लिए दुकानदार को टैस्ट का खर्च स्ंवय ही वहन करना होगा। फूड सेफ्टी एक्ट के अनुसार ऐसे दुकानदारों को अपने सैंपल दोबारा से किसी दूसरी जगह चेक कराने का अधिकार प्राप्त है। ऐसा स्वंय के खर्च पर ही किया जा सकता है।
सैंपल फेल में क्या होती है कारवाई -
विभागीय जानकारों के अनुसार सब स्टैंडर्ड व मिश्रित ब्रांड मामले में जुर्माने की व्यवस्था होती है। लेकिन यदि सैंपल असुरक्षित पाएं जाते है। तो तब यह ज्यादा खतरनाक होते है। ऐसे मामले सिविल कोर्ट में चलते है और इसमें जुर्माने व सजा दोनो का प्रावधान होता है।
क्या बोले जिला खाद्य अधिकारी -
इस संबध में जिला खाद्य अधिकारी रणधीर सिंह राठौर ने बताया कि दीपावली पर्व के दौरान लिए गए 50 में से 23 सैंपल फेल मिले है। जिनमें से 5 असुरक्षित पाएं गए है। जबकि बाकी सब स्टैंडर्ड मिले है। जिन विक्रेताओं के सैंपल फेल मिले है उनको नोटिस जारी किए गए है। जो दुकानदार सैंपल रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है वो नोटिस मिलने के एक महीनें के अंदर अपनी फिर से दोबारा जांच कराना चाहता है तो ऐसा कर सकता है। अन्यथा एक महीने के बाद कानूनी कारवाई होगी।
मिलावटखोरी में उत्तर प्रदेश पांचवे नंबर पर -
फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथाॅरिटी नईदिल्ली की वर्ष 2018-19 की जारी 28 नवंबर को ताजा रिपोर्ट में खुलासा हो चुका है कि असुरक्षित खाद्य पदार्थो के मामलों में देश के टाॅप-10 राज्यों में उत्तर प्रदेश 5वें स्थान पर है। जबकि तमिलनाडु पहले स्थान पर है। इसके तहत यूपी से वर्ष 2018-19 में 22588 नमूनों में से 1404 नमूने असुरक्षित पांए गए है। इसका अर्थ यह हुआ कि बाजारों में बिकने वाले 6.2 प्रतिशत नमूने पूरी तहर से असुरक्षित है।