श्री गुरू ग्रंथ साहिब का प्रथम प्रकाश पर्व हर्षोल्लास से मनाया
गुरजोत सेठी
देवबंद। साहिब श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी का प्रथम प्रकाश पर्व श्रद्धा व उत्साह से मनाया गया। गुरूद्वारा श्री गुरूनानक सभा में आयोजित कार्यक्रम में पिछले दो दिनों से चल रहे श्री अखंड पाठ साहिब के पाठ के उपरांत कीर्तन दरबार सजाया गया। जिसमें ज्ञानी नितीन सिंह, अमरदीप सिंह, चंद्रदीप सिंह, चन्नी बेदी, बलदीप सिंह, सिमरनजीत सिंह आदि ने गुरवाणी कीर्तन कर संगतों को निहाल किया। कार्यक्रम का संचालन कर रहे गुरजोत सिंह सेठी ने गुरू ग्रंथ साहिब की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री गुरू ग्रंथ साहिब सम्पूर्ण मानवता के ग्रंथ है। गुरू ग्रंथ साहिब जात- पात व ऊंच-नीच से रहित ग्रंथ है जिसमें गुरूओं के अलावा 30 अन्य हिंदू, मुस्लिम संत महापुरूषों की बाणी भी दर्ज है। जिसमें कबीर जी, रविदास जी, शेख फरीद जी, सैण जी, धन्ना जी, सघना जी आदि मुख्य है। पांचवे गुरू अरजन देव जी ने श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी का संपादन करते हुए आज ही के दिन सन् 1604 में श्री हरिमंदिर साहिब अमृतसर में बाबा बुड्ढा जी से श्री गुरू ग्रंथ साहिब का प्रकाश कराया। पहले गुरू ग्रंथ साहिब को आदि ग्रंथ कहा गया। दसवें पातशाह साहिब श्री गुरू ग्रंथ साहिब ने ग्रंथ में गुरू तेग बहादुर जी की बाणी दर्ज कराकर अकाल चलाना करने से पहले श्री गुरू ग्रंथ साहिब के आगे माथा टेककर कहा कि आज्ञा भई अकाल की तभी चलाओ पंथ, सब सिखन को हुकम है गुरू मानयो ग्रंथ और उन्हें ग्रंथ साहिब को जुगों जुग अटल गुरू का दर्जा दे दिया। कीर्तन उपरांत दिलबाग सिंह उप्पल के परिवार की ओर से निशान साहिब के चोले की सेवा की गई। उपरांत गुरू का अतूट लंगर बरताया गया। कार्यक्रम में इंद्रपाल सिंह सेठी, सचिन छाबड़ा, सरदार भगवान सिंह, जसवंत सिंह, चरण सिंह, राजपाल सिंह राजू, अरविंदर सिंह कपूर, बलदीप सिंह, राजेश छाबड़ा, विरेंद्र सिंह उप्पल आदि मौजूद थे।