देवबंद। गुरूद्वारा श्री गुरूनानक सभा में आठवें पातशाह साहिब श्री हरकिशन जी महाराज का प्रकाश पर्व श्रद्धा व उत्साह से मनाया गया। संगतों को सम्बोधित करते हुए गुरूद्वारा श्री गुरूनानक सभा के प्रधान सेठ कुलदीप कुमार ने कहा कि गुरू हरकिशन जी का जन्म सन् 1661 ई. को कीरतपुर साहिब पंजाब में गुरू हर राय जी व माता किशन कौर जी के घर हुआ था। गुरू जी की कुशाग्र बुद्धि व आध्यात्मिक ज्ञान को देखकर गुरू हर राय जी ने मात्र 5 वर्ष की आयु में ही उन्हें गुरगद्दी सौंप दी।
युवा पंजाबी क्लब के अध्यक्ष गुरजोत सिंह सेठी ने कहा कि गुरू जी जब अम्बाला के पंजोखरा पंहुचे तो उनकी आयु को देखकर विद्वानों को उनकी सामर्थय पर शक हुआ और उन्होंने गुरू जो गीता के श्लोक के सुनाने की शर्त रखी। गुरू जी ने पंजोखरा में एक गरीब गूंगे व्यक्ति के सिर पर छड़ी रखकर उसके मुख से गीता के श्लोक के सुनवा दिए। उस स्थान पर गुरूद्वारा पंजोखरा साहिब सुशोभित है। हजूरी रागी ज्ञानी नितीन सिंह, अमनप्रीत सिंह, जोगेंद्र सिंह बेदी, बलदीप सिंह, मनरूप कौर, चन्नी बेदी आदि ने गुरवाणी का गायन कर संगतों को निहाल किया। उजागर परिवार की ओर से गुरू का अतूट लंगर बरताया गया। कार्यक्रम में इंद्रपाल सिंह सेठी, श्याम लाल भारती, चंद्रदीप सिंह, गुरदीप सिंह, राजेश छाबड़ा, सचिन छाबड़ा, सुमित भारती, गुरजंट सिंह, जसवंत िंसह, सन्नी सेठी, सिमरनजीत सिंह, अमृत सिंह कपूर, बिट्टू कपूर, पिं्रस कपूर आदि मौजूद थे।