नई दिल्ली ( 10 नवंबर ): गुवाहाटी में हुई GST काउंसिल की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। कई उत्पादों में रियायत देते हुए सरकार ने टैक्स की दरें घटा दी हैं। शुक्रवार को हुई इस बैठक में फैसला हुआ है कि अब 28% स्लैब में कुल 50 ही प्रोडक्ट रहेंगे। पहले 28 फीसदी स्लैब में कुल 227 वस्तुएं थीं।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा 178 आइटम 28 फीसदी टैक्स स्लैब से 18 फीसदी टैक्स स्लैब में लाए गए हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि टैक्स में बदलाव 15 नवंबर से लागू होगा, क्योंकि केंद्र और राज्यों को इसके लिए नोटिफिकेशन निकालना होगा। जेटली के मुताबिक 2 आइटम ऐसे हैं जिनको 28 से 12 फीसदी टैक्स के दायरे में लाया गया है। 13 आइटम्स को 18 से 12, 6 आइटम्स 18 से 5, 8 आइटम्स को 12 से 5 फीसदी टैक्स स्लैब में लाया गया। 6 आइटम ऐसे हैं जिनपर अब शून्य टैक्स लगेगा।
जेटली ने कहा कि अब सभी एसी, नॉन-एसी रेस्ट्रोरेन्ट में अब 5 फीसदी जीएसटी लगेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि इनपुट टैक्स क्रेडिट अब रेस्त्रां को नहीं मिलेगा। रेस्टोरेंट्स में खाने पर अभी तक जीएसटी 18 प्रतिशत लगता था। अब हर तरह के रेस्टोरेंट्स में खाने पर महज 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा।
कारोबारियों के लिए भी कई राहत की घोषणा की गई है। कंपोजिशन स्कीम का दायरा 1 करोड़ से बढ़कर 1.5 करोड़ हुआ। कारोबारियों को फॉर्म 3-बी भरने में राहत दी गई है। अब इसे 31 मार्च तक फाइल कर सकते हैं। 1.5 करोड़ से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को 15 फरवरी तक का समय दिया गया है। 1.5 टर्नओवर पर हर महीने रिटर्न फाइल करना होगा। लेट फाइलिंग पर जुर्माना कम कर दिया गया है। शून्य रिटर्न की स्थिति में लेट फाइलिंग के लिए पेनल्टी 50 रुपये से घटाकर 20 रुपये कर दी गई है। GSTR-1 तीन महीने में एक बार भरना होगा। GSTR-2 की समीक्षा के लिए कमिटी का गठन किया गया है। GSTR-4 भरने की समयसीमा 24 दिसंबर रखी गई।