हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन कर रहे लोगों को रासुका का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए जाट जो भी करें, काफी सोच समझकर। दरअसल, सरकार ने आंदोलन के दौरान शांति भंग करने पर आंदोलनकारियों पर रासुका लगाने के आदेश दिए हैं। सरकार ने आंदोलन के तीसरे दिन शांति भंग किए जाने के प्रयासों की रिपोर्ट मिलने पर आंदोलन प्रभावित जिलों के डीसी को रासुका लगाने की शक्तियां सौंप दी हैं।
स्थिति के मद्देनजर शांति बनाए रखने के लिए डीसी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई करने के लिए अब अधिकृत हो गए हैं। कानून के तहत डीसी को बिना केस दर्ज किए उपद्रव फैलाने वालों को 90 दिन तक नजरबंद रखने का अधिकार है। आंदोलन के दौरान स्थिति सामान्य बनाए रखने के लिए सरकार ने ये अहम कदम उठाया है।
सरकार ने डीसी को साफ निर्देश दिए हैं कि स्थिति बिगड़ने की आशंका पर वे तत्काल रासुका लगा सकते हैं। इसके साथ ही सरकार ने आंदोलन के चलते नौ जिलों के 381 अधिकारियों को स्पेशल ड्यूटी मजिस्ट्रेट के अधिकार दिए हैं। इन अधिकारियों को उपद्रवियों पर कार्रवाई के लिए विशेष निर्देश की आवश्यकता नहीं होगी।