-मवेशियों को पिलाएं गुनगुना पानी, शाम होते ही बांधे कमरों में
सिटीवेब/अरविंद सिसौदिया।
नानौता। जनवरी के महीने में पड रही कडाके के ठंड में पशुओं की देखभाल बहुत जरूरी है। क्योंकि देखरेख के अभाव में पशु बीमारियों की चपेट में आ रहे है। जिसके बचाव के लिए तुंरत अपने पशु चिकित्सक से सलाह लेकर इलाज शुरू कराना चाहिए।
नानौता राजकीय पशु चिकित्सा केन्द्र प्रभारी डा. प्रियंका शर्मा ने बताया कि पशुपालक शाम होने से पूर्व अपने पशुओं, विशेषकर छोटे पशुओं को कमरों या फिर किसी शेड के नीचे बांधे। उन्होनें कहा कि समय-समय घरों में जाकर पशुपालकों को पशुओं के रखरखाव के संबध में जागरूकता अभियान चलाया जाता है। इस सर्दी के मौसम में पशुओं को ठंडी हवाओं से बचाने के लिए उनके ऊपर खाली बोरा या फिर गर्म कंबल आदि कोई भी चीज डाल सकते है।
पशुओं को खिलाएं गुड, पिलाएं गुनगुना पानी -
डा. प्रियंका शर्मा के अनुसार मौसम में बढी ठंड में पशुओं को गुनगुना पानी पिलाना उचित होता है। दुधारू पशुओं को प्रतिदिन कम से कम 100 एमएल कैल्शियम जरूर दे। प्रतिदिन 250 से 500 ग्राम गुड भी खिलाया जाएं तो पशुओं में बी-काॅम्पलेक्स व आयरन की पूर्ति होती रहती है। पशुओं को खनिज-लवण भी खिलाते रहे। घास खाने वाली जगह (खोर) में सेंधा नमक का टुकडा रखे ताकि पशु उसे चाटता रहे।
पशु सुस्त दिखे तो करे यह उपाय -
डा. के अनुसार यदि ठंड में पशु के रोगंटे खडे या फिर सुस्त दिखे अथवा कोने में खडा रहे और चारा कम खाने के साथ दूध भी कम देने लगे। तो इस स्थिती में तुंरत पशु चिकित्सक की सलाह लें ताकि समय पर पशु का इलाज हो सके। उन्होनें कहा कि पशुपालन विभाग में कार्यरत सभी पशु चिकित्सक व सहायक पशुओं के लिए आपातकालीन सेवाएं भी प्रदान कर रहे है। इसके अलावा विभाग द्वारा पशुओं को निशुल्क दवाएं भी दी जा रही है।