पटना : अणुव्रत पुरस्कार समारोह में राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने कहा है कि बिहार गौरवशाली प्रदेश रहा है. जैन धर्म के 24 में 22 तीर्थंकर का निर्वाण स्थल बिहार और झारखंड ही रहा है. आचार्य श्री महाश्रमण की इस अहिंसा यात्रा ने बिहारवासियों में आध्यात्मिक चेतना जगाने का काम किया है. आज पूरी दुनिया तकलीफ और हिंसा से त्रस्त है. ऐसे में सभी भारत की तरफ आध्यात्मिकता की ललक से देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी के अच्छे परिणाम दिख रहे हैं. वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस पुरस्कार के लिए चुने जाने पर बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि वह सह्रदयता, विनम्रता और सुशासन की प्रतिमूर्ति हैं.
पूर्ण शराबबंदी का ऐतिहासिक निर्णय फिलहाल सिर्फ शराब पर लागू होता है, जबकि सभी तरह के नशे को इसकी जद में लाना चाहिए. उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि यह सम्मान पूरे बिहारवासी का सम्मान है और मैं भी बिहार का हूं. इसलिए इस सम्मान में मैं भी आता हूं. इस पर सीएम, आचार्य श्री समेत सभी हंसने लगे. इसलिए इस सम्मान में शामिल होने आया हूं. राज्यपाल ने कहा कि नशा कई तरह के होते हैं, सत्ता, पद, प्रतिष्ठा, धन-संसाधन, संपन्नता का नशा भी होता है. परंतु ये नशा लोगों में अहंकार के रूप में मौजूद रहते हैं. सामाजिक पतन के लिए ये नशा प्रमुख हैं. उन्होंने कहा कि जब यह पूर्ण शराबबंदी कानून विधानमंडल से पास होने के बाद अंतिम अनुमोदन के लिए आया था. तब कई लोगों ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि यह तानाशाही कानून है, लोगों के मौलिक अधिकार का हनन है.
इस पर मैंने सभी प्रबुद्ध लोगों से तीन बातें पूछी कि क्या इस तरह के कानून के लिए विधानमंडल सक्षम है, यह कल्याणकारी कदम है या नहीं और सरकार की नियत ठीक है या नहीं. तीनों सवाल के जवाब 'हां' में मिलने के बाद इस कानून को लागू करने के लिए हस्ताक्षर कर दिया. राजपाल ने राजगीर स्थित जैन रिसर्च संस्थान की तरफ से प्रकाशित दो किताबें आचार्य श्री को भेंट की.
‘पुरस्कार उपचार है नैतिकता के काम को प्रोत्साहन देने का’
आचार्य श्री महाश्रमण ने कहा कि पुरस्कार उपचार है, नैतिकता के काम को प्रोत्साहन देने का. पूर्ण शराबबंदी लागू करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह पुरस्कार दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हर आदमी साधु नहीं बन सकता, जरूरी है अच्छा आदमी बनना. लोगों के बीच सद्भावना, नौतिकता और नशामुक्ति का संदेश फैलाने के लिए ही यह अहिंसा यात्रा की जा रही है.
गृहस्थ आश्रम में रहकर भी लोग इनका पालन कर सकते हैं. इसके लिए ही अणुव्रत आंदोलन की शुरुआत की गयी है. अणु का अर्थ होता है, छोटा और व्रत मतलब नियम. छोटे-छोटे नियमों का पालन करके और संकल्प लेकर मानव बड़े परिवर्तन कर सकता है. उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी एक बेहतरीन कदम है. सरकार आपूर्ति बंद कर सकती है. चौकसी कर सकती है, लेकिन मन की मांगया ललक को रोकना सबसे बड़ी बात है. साधु ही इस मांग को बंद करवा सकता है. इसके लिए आत्म संयमित के नियम बता सकता है.
सरकार का यह काम है कि जनता अच्छी कैसे बने. इसी क्रम में बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने मनोबल का परिचय देते हुए यह कदम उठाया है. साध्वी प्रमुख कनक प्रभा ने कहा कि शराबबंदी से जनता की जीवनशैली बदल रही है. विकास हो रहा है