सहारनपुर। इन दिनों बुखार का प्रकोप बढ़ रहा है। निजी चिकित्सक साधारण बुखार को भी डेंगू का डंक बता रहे हैं। ऐसे में मुख्य चिकित्सा अधिकरी डा. बीएस सोढ़ी ने लोगों को आगाह किया है कि बुखार आने पर वह सरकारी अस्पताल में डेंगू की जांच जरूर कराएं।
सीएमओ ने बताया जिला चिकित्सालय व मेडिकल कालेज में डेंगू की जांच एलाइजा रीडर से की जा रही है। उन्होंने कहा डेंगू होने पर भी घबराने की जरूरत नहीं है। सरकारी अस्पताल में इसका निशुल्क इलाज उपलब्ध है। उन्होंने बताया इस बार डेंगू के बहुत कम केस सामने आये हैं। अबतक डेंगू के केवल तीन रोगी ही पाए गए हैं, जबकि पिछले साल आधा दर्जन रोगियों में डेंगू की पुष्टि हुई थी। उन्होंने कहा बदलते मौसम के कारण इस समय वायरल तथा सामान्य बुखार लोगों को हो रहा है। जिला मलेरिया अधिकारी शिवांका गौड़ ने ग्रामीणों को संक्रामक व संचारी रोगों से बचाव की जानकारी देते हुए अपील की है कि वह अपने घरों के आस-पास रुके हुए पानी के गड्ढों को मिट्टी से भर दें। पानी से भरे बर्तन जैसे कूलर, गमले, छतों पर रखे पुराने टायर, फ्रिज की ट्रे आदि को साफ रखें। इनमें पानी जमा न होने दें। इन्हीं बर्तनों में एडीज मादा मच्छर अंडे देती है यहीं उसका लार्वा पनपता है। इसी मच्छर से डेंगू होने का खतरा होता है।
बुखार होने पर ये करें
- तेज बुखार होने पर ठंडे पानी से शरीर को पोंछें।
- डेंगू के उपचार के लिए कोई खास दवा अथवा बचाव के लिए वैक्सीन नहीं है। औषधियों का सेवन चिकित्सक की सलाह से करें।
- गंभीर लक्षण ( जैसे खून आना ) होने पर चिकित्सालय में फौरन संपर्क करें।
- एस्प्रिन अथवा कोई दवा अपने आप प्रयोग कभी न करें।
- डेंगू रोगी मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें।
- पूरी आस्तीन की कमीज, फुल पैंट और मोजे पहनें।
सावधानी
- घर के बर्तनों, कूलरों, पानी की टंकी, घरों के आसपास पड़े टायर, प्लास्टिक के टूटे बर्तनों में पानी इकटठा न होने दें।
- रात्रि में सोते समय मच्छरदानी एवं मच्छरों से बचने की क्रीम व तेल का प्रयोग करें।
- झोला छाप डाक्टरों के पास न जायें।
- घर के आस पास गंदा पानी इकट्ठा न होने दें।
- इधर-उधर कूड़ा-कचरा व गंदगी न फैलायें।