-आईडी हैक कर परिचितों से व केवाईसी लिंक भेजकर ठग उडा रहे रूपए
-एसपी देहात बोले ठगी से बचना है तो अपने अकांउट, ईमेल, सोशल आईडी के पासवर्ड न करें लीक
सिटीवेब/अरविंद सिसौदिया।
नानौता। आॅनलाइन शाॅपिंग, एटीएम पिन नंबर पूछना तथा केवाईसी अपडेट करने के बहाने होने वाली ठगी के प्रति लोगों को जागरूक होता देख ठगों ने अब स्टाइल चेंज कर लिया है। इसके लिए ठग सोशल मीडिया पर आपका अकांउट हैक कर रिश्तेदारों, परिचितों व दोस्तों के नाम मैसेज व काॅल कर ठगी को अंजाम दे रहे है।
इन दिनों साइबर ठग अलग-अलग स्टाइल बदलकर ठगी को अंजाम देने का काम कर रहे है। जिसके चलते जिलेभर में रोज आईडी हैक कर ऐसे फेक मैसेज व काॅल लोगों पर आ रहे है। जिसमें ठग किसी रिश्तेदार के बीमार होने, एक्सीडेंट होने, मां के उपचार के लिए आदि ऐसे कई उदाहरणों के जरिए पैसे की मांग कर रहे है। इतना ही नहीं काॅल करते समय तो उनके शब्द इतने भावविभोर करने वाले होते है कि अक्सर काॅल सुनने वाला व्यक्ति उनके झांसे में आसानी से आ जाता है। पिछले पन्द्रह दिनों में नानौता क्षेत्र में करीब 20 लोगों के पास इस प्रकार के मैसेज आ चुके है।
पहला केस - नगर के मुहल्ला शेखजादगान निवासी अमित कुमार ने बताया कि उसकी आईडी हैक कर उसके परिचितों व रिश्तेदारों को मैसेज कर बताया गया कि उसे सहायता की जरूरत है। उसे 10 हजार रूपए एकदम अभी चाहिए। जिसके चलते उसके दो अलग-अलग रिश्तेदार लपेटे में आ गए। जिन्होनें पेटीएम के जरिए ठग को पैसे ट्रांसफर कर दिए।
दूसरा केस - गांव याहियापुर निवासी महिला शिक्षामित्र उमा देवी को व्हाट्सएप पर केवीईसी फार्म भेजा गया। महिला शिक्षामित्र द्वारा बैंक की पूछताछ समझ उस फार्म को भरते हुए ओटीपी बता दिया गया। जिसके बाद उसके खातें से पूरे 95 हजार रूपए निकल गए।
तीसरा मामला - नानौता के गांव सोनाअर्जुनपुर स्थित बाबा सिद्व इंटर काॅलेज के वाइस प्रिंसीपल अनुराग कुमार के खातें से पूरे 59999 रूपए निकल गए। जबकि उनका कहना है कि न तो ओटीपी उनके मोबाइल पर आया और एटीएम भी उनके पास ही था।
चैथा मामला - नगर के मुहल्ला शेखजादगान निवासी व प्रधानाचार्य धीर सिंह की आईडी हैक कर उनके परिचितों व रिश्तेदारों से लगातार सहायता के नाम पर रूपए मांगे जाने लगे है। पीडित धीर सिंह द्वारा सभी जगह फोनकर व फेसबुक पर लिखकर कहा गया कि उसके नाम से कोई पैसों की मांग करे तो बिल्कुल न दिए जाएं।
क्या कहते है पुलिस अधिकारी -
एसपी देहात विद्यासागर मिश्र ने बताया कि अपना पासवर्ड किसी को बिल्कुल न बताएं। मोबाइल पर आने वाले किसी भी लिंक को ओपन न करें, यदि गलती से ओपन कर भी दिया तो उसमें बैंक अथवा आधार नंबर आदि जानकारी शेयर न करें। किसी भी व्यक्ति द्वारा फोन, फेसबुक अथवा अन्य सोशल साइटों के जरिए मांगी गई रकम की मदद करने से पहले व्यक्ति की पहचान करें। किसी भी व्यक्ति के साथ अपने डेबिट कार्ड व क्रेडिट कार्ड नंबर, कार्ड अवधि कार्ड के पीछे लिखे तीन डिजिट के सीवीवी नंबर शेयर न करें। अपने बैंक अकांउट अथवा पेटीएम अंकाउट की केवाईसी अपडेट कराने के लिए बैंक जाकर अथवा पेटीएम अधिकारी से संपर्क कर अपडेट करे।
किसी फार्म न भरे, नया एटीएम बनवा लें, आपका बैंक अकाउंट आधार कार्ड से जोडना है, आपकी लाटरी निकली है आप इतना पैसा जमा कर दो। ये साइबर अपराध से संबधित है। मोबाइल व इंटरनेट के माध्यम से होता है। तो इसके लिए सभी लोग सावधानी रखे।