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चुनावी पम्पलेट, पोस्टर और हैंडबिल के लिए देना होगा मुद्रक, प्रकाशक का नाम

CityWeb News
Wednesday, 13 March 2019 10:11 PM
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सहारनपुर। अपरजिलाधिकारी (न्यायिक) ने कहा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 127क के अधीन कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के चुनावी पम्पलेट या पोस्टर, हैंडबिल या अन्य दस्तावेज प्रकाशक व मुद्रक के नाम, पता वर्णित किए बिना और प्रकाशक की घोषणा प्राप्त किये बगैर प्रकाशित व मुद्रित नहीं करेगा।
अपरजिलाधिकारी (न्यायिक) सुश्री शेरी की अध्यक्षता में बुधवार को उनके कार्यालय कक्ष में मीडिया सर्टिफिकेशन एण्ड मॉनिटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) की बैठक सभी सदस्यों के साथ आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार लोक सभा सामान्य निर्वाचन-2019 के दोरान राजनैतिक दलों, निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा प्रकाशित कराये जाने वाले विज्ञापनों इत्यादि के सम्बन्ध में पेड न्यूज जांच के मापदण्ड के सम्बन्ध में सभी सदस्य नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने इस मौके पर सदस्यों को विभिन्न धाराओं की जानकारी देते हुए कहा कि 171-एच आईपीसी धारा के तहत बिना अभ्यर्थी या राजनैतिक पार्टी के सहमति या जानकारी के बगैर काई भी प्रचार सामग्री नहीं छापेगा।
कोई भी प्रचार सामग्री अभ्यर्थी के सहमति के बिना छापा जाता है तो 171-एच आईपीसी की धारा के तहत कार्यवाही होगी। उन्होंने कहा कि 127-ए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा के तहत कोई भी प्रचार सामग्री अगर छपेगी तो उसमें प्रिन्टर्स और पब्लिशर्स का नाम और पता आवश्यक है।
पब्लिशर्स जब प्रिन्टर को प्रचार सामग्री देगा तो उसके साथ एक घोषणा पत्र भी देना होगा, जो दो गवाहों द्वारा सत्यापित होना चाहिये। साथ ही प्रिन्टर घोषणा पत्र के साथ-साथ कितनी संख्या में प्रचार सामग्री प्रिन्टर ने छापी, कितना खर्चा आया इसकी भी सूचना मुख्य निर्वाचन अधिकारी एवं सम्बन्धित जिला निर्वाचन अधिकारी को पहले से ही देगा। अन्यथा की स्थिति में 6 माह जेल या दण्ड दोनो का प्रावधान है।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि धारा 126 के तहत पोल खत्म होने के 48 घण्टे के पहले समस्त निर्वाचन क्षेत्रों में राजनैतिक पार्टियों का प्रचार बन्द हो जायेगा। अन्यथा की स्थिति में सम्बन्धित के विरूद्ध 2 साल की सजा का प्राविधान है। धारा 125 की जानकारी देते हुए बतलाया कि कोई भी इस प्रकार का प्रचार सामग्री नहीं छापेंगे, जिससे जातीय हिंसा एवं वैमनस्य की भावना को खतरा उत्पन्न हो। इस मौके पर सहायक निदेशक सूचना सुधीर कुमार, सुरेन्द्र चैहान व वीरेन्द्र आजम, बृजेश भट्ट, गौरव शर्मा आदि मौजूद रहे।

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