सहारनपुर। लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजते ही चुनावी रंगों में डूबने से पूर्व होली के रंगों में डुबने का माहौल बन चुका है। मुख्य बाजारों सहित क्षेत्रीय दुकानों पर भी होली के सामान सज चुके हैं, जहां विभिन्न ब्रांडों के गीले रंग, गुलाल, पानी के गुब्बारे, मुखौटे, टोपियां, पेस्ट, कैप्सूल तथा रंगबिरंगी पिचकारियों की जमकर खरीदारी की जा रही है।
आधुनिक होली के नये अंदाज में बिकने वाले चायनामेड आईटम सर्वाधिक आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं। होली पर्व पर विशेषरुप से इस्तेमाल की जाने वाली गुजियाएं भी हलवाईयों ने तैयार करनी शुरू कर दी हैं। एक तरफ लोकसभा चुनाव तो दूसरी तरफ होली पर्व को लेकर लोग अति उत्साहित हैं। मुख्य बाजारों में जहां होली के सामानों की जमकर खरीदारी की जा रही है तो वहीं बच्चों के लिये नये कपड़े खरीदने के लिये भी रेडीमेड गारमेंट्स पर अच्छी खासी भीड़ देखने को मिल रही है।
चायनीज गुब्बारे बाजार में उतारे गये हैं, जिनकी खासियत ये हैं कि इसमें पानी भरने के बाद इनका मुंह बांधने की जरुरत नहीं पड़ेगी। इसमें ऊपर की तरफ रबड़ बैण्ड लगाया गया है। जरुरत के अनुसार पानी भर जाने के बाद इसका मुंह स्वयं ही बन्द हो जायेगा। होली बम भी यहां आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं। इसके फटते ही चारों ओर गुलाल फैल जाता है। चायनीज पिचकारियों की भी यहां धूम मची हुई है जो देखने में बेहद आकर्षक और भातीय पिचकारियों की तुलना में सस्ती भी हैं।
हुड़दंगियों के प्रति प्रशासन सख्त
होली पर्व को प्रभावित करने वाले हुड़दंगियों के विरुद्ध पुलिस प्रशासन ने अपने तल्ख तेवर दिखा दिये हैं। हुड़दंग मचाने वालों को पुलिस प्रशासन द्वारा सख्त चेतावनी दी गई है कि अपनी किसी भी गलत हरकत के लिये वे स्वयं जिम्मेदार होंगे। कानूनी कार्रवाई में किसी प्रकार की ढ़ील नहीं दी जाएगी। हुड़दंगियों पर पुलिस की पैनी नजरें रहेंगी ताकि कहीं भी किसी प्रकार की अनहोनी न होने पाये।
कैमिकल रंगों से बनायें दूरी
त्वचा को प्रभावित करने वाले कैमिकल रंगों से स्वयं को तथा दूसरों को भी बचाने का प्रयास करें। गुलाल व गीले रंग कम्पनी मेड ही खरीदें ताकि किसी भी प्रकार से त्वचा को हानि न पहुंचने पाये। दुकानदार भी इसकी बिक्री से परहेज रखें और होली का मजा किरकिरा न होने दें। कैमिकल रंगों के इस्तेमाल से रंग में भंग पड़ने की अधिक गुजाईश रहती है अत: इससे दूरी बनाना ही समझदारी कहलायेगी।