एसएल कश्यप।
सहारनपुर। दुर्गा अष्टमी के अवसर पर मां के अष्टम स्वरूप मां महागौरी की पूजा अर्चना करने के साथ घर-घर कन्या पूजन किया गया। श्रद्धालुओं ने कन्याओं को जिमाने के साथ मंदिरों में पहुंचकर माता रानी को भोग लगाकर व्रत का समापन किया। रविवार को दुर्गा अष्टमी पर श्रद्धालुओं ने कन्याओं को अपने घर बुलाकर उनके चरण धोने के साथ उनकी पूजा-अर्चना की। कन्याओं को हलवा, पूरी, चने सहित अन्य पकवान का भोग लगाकर आशीर्वाद लिया। कन्याओं को विभिन्न प्रकार के उपहार भी दिए। इसके साथ ही आठवें नवरात्र पर मंदिरों में मां महागौरी की पूजा अर्चना की गई। महानगर में श्री हरि मंदिर, तहसील शिव मंदिर, श्री दुर्गा मंदिर, मां काली मंदिर, श्री विश्रामपुरी काल भैरव मंदिर, नारायणपुरी मंदिर, श्री भूतेश्वर महादेव मंदिर, श्री पाठेश्वर महादेव मंदिर, श्री बागेश्वर महादेव मंदिर, श्री पातालेश्वर महादेव मंदिर, बालाजी धाम, साईं धाम सहित अनेक मंदिरों में पूजा अर्चना कर श्रद्धालुओं ने कन्याओं को जिमाया।
उधर, राधा विहार स्थित महाशक्ति पीठ वैष्णवी महाकाली मंदिर में श्री रामकृष्ण विवेकानंद संस्थान के तत्वाधान में स्वामी कालेंद्रानंद महाराज ने कन्या पूजन कराकर सतचंडी महायज्ञ को पूर्णाहुति दी। स्वामी कालेंद्रानंद महाराज ने कहा कि कन्या ही आदि शक्ति दुर्गा का स्वरूप है। नवदुर्गा समस्त सृष्टि नव सृजन करती है। दुर्गा अष्टमी पर कन्या पूजन करने से मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। नवरात्र में मां के नौ स्वरूप की उपासना अति फलदायी है।