नई दिल्ली(4 जनवरी): पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बीते साल कट्टरपंथी समूह के धरना प्रदर्शन में देश की शक्तिशाली खुफिया एजेंसी ISI की भूमिका को लेकर असंतुष्टी जाहिर करते हुए कहा, 'आप देश की सर्वोच्च एजेंसी हैं, देश का मजाक मत बनाइए।
- बीते साल 6 नवंबर से तहरीक-ए-लब्बैक नामक संगठन के सैकड़ों समर्थकों ने फैजाबाद में धरना प्रदर्शन किया था। 3 हफ्ते तक बंद रहने के बाद पाकिस्तान के कानून मंत्री जाहिद हामिद को इस्तीफा देने पर मजबूर होना पड़ा था। प्रदर्शन की वजह से बढ़ रही हिंसा को देखते हुए सरकार तहरीक-ए-लब्बैक की मांगों को मानने के लिए मजबूर हो गई थी। फैजाबाद धरना प्रदर्शन पर स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही दो जजों की बेंच ने इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) से पूछा कि क्या संस्था में ऐसे प्रदर्शनों में हो रही गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कोई सेल है या नहीं, और अगर है तो फिर एजेंसी के प्रतिनिधियों को यह पता होगा कि प्रदर्शनकारी कौन थे, उनके मुद्दे क्या थे।
- पाकिस्तान के 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने ISI से कहा, 'आप टॉप एजेंसी हैं, देश का मजाक मत बनाइए।' बेंच ने यह भी पूछा कि प्रदर्शनकारियों के पास पैसे कहां से आए और उनकी कमाई कितनी है, साथ ही ISI का बजट कितना है।
- सुप्रीम कोर्ट ने सख्त अंदाज में पूछा,'अगर ISI के प्रतिनिधियों के पास जवाब नहीं है तो क्या सर्वोच्च न्यायालय ISI चीफ को समन करके जवाब मांगे?' बेंच ने आगे कहा कि ISI पाकिस्तान के लोगों के लिए कुछ नहीं कर रही है। बेंच ने कहा कि पाकिस्तान का अस्तित्व सेना की नहीं बल्कि आम लोगों के संघर्ष की वजह से है।