सिटीवेब/एसएल कश्यप।
सहारनपुर। दवा और इंसुलिन इंसान की जान बचा कर डायबिटीज के खतरों को टाल सकता है लेकिन यह डायबिटीज का इलाज नहीं है। डायबिटीज का असली इलाज खुद को भय तनाव और चिंता से दूर रखना और आराम तलबी से दूर रहकर मेहनत कश बनना ही है। बढ़ती आराम तलबी स्वाद की कमजोरी के कारण बढ़ता फास्ट फूड का प्रचलन और कंपटीशन की चिंता व तनाव ने बड़ों के साथ-साथ अब बच्चों को भी डायबिटीज की चपेट में ले लिया है। इसका एकमात्र इलाज जीवनशैली में बदलाव लाना नियमित ध्यान का अभ्यास, प्रतिदिन पसीना लाने वाला शारीरिक श्रम, और कुछ समय शांत मन से प्रकृति में सैर करना है।मेडिटेशन से होने वाली तनाव मुक्ति हमारी अंतः स्रावी ग्रंथियों को सहज स्थिति में लाकर उनके रस स्त्राव को स्वभाविक बनाने में कारगर सिद्ध हुई हैं,ष् आज अन्तर्राष्ट्रीय मधुमेह दिवस पर मोक्षायतन अन्तर्राष्ट्रीय योगाश्रम द्वारा बेरी बाग स्थित नेशन बिल्डर्स अकेडमी में आयोजित मधुमेह मुक्ति संगोष्ठी को संबोधित करते हुए 20 साल से अधिक का योग साधना का अनुभव रखने वाले वरिष्ठ फिजीशियन डॉ अशोक गुप्ता ने मुख्य वक्ता के रूप में ये विचार रखे और कहा कि मधुमेह रोग के प्रति निरंतर जागरूकता ही उसका सर्वोत्तम इलाज है।
योगाभ्यास में मेडिटेशन के साथ-साथ उड्डियान बंध अग्निसार क्रिया व भारत योग की विरेचन क्रिया के अलावा मृणाल आसन, कोणासन, मत्स्येंद्रासन, पश्चिमोत्तानासन, कुर्मासन, व मंडूकासन मधुमेह को नियंत्रित रखने व पैंक्रियास को फिर से इंसुलिन बनाने के लिए सक्रिय करने की सामर्थ्य रखते हैं। नियमित योगाभ्यास से डायबिटीज के कारण आंखों में गुर्दे पर होने वाले याददाश्त खो जाने हत्याघात और पक्षाघात जैसे दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है। डॉ राम केवल यादव ने कहा कि आज इंसान शारीरिक मेहनत से काम न करने और गैजेट्स व टूल्स का सहारा लेने में अपनी समझदारी मानता है और उसे बच्चों को भी शारीरिक मेहनत से दूर रखने की आदत पड़ गई है जो डायबिटीज और मोटापे की खास वजह होने के साथ-साथ अनेक बीमारियों की जड़ भी है। हमें सुविधाओं को स्टेटस सिंबल न बनाकर पैदल चलने साइकिल चलाने और यथासंभव व्यायाम करने की आदत डालनी होगी इससे रोगों से भी बचे रहेंगे प्रदूषण में भी कमी होगी खर्चों में कमी आएगी और शरीर का स्वास्थ्य और सौंदर्य भी मिलेगा। योग शिक्षक सीमा गुप्ता ने डायबिटीज पर सीधा व सकारात्मक प्रभाव डालने वाले आसनों बंधों व प्राणायाम के डेमोंस्ट्रेशन देते हुए बताया कि योगाभ्यास हमे इस जानलेवा रोग की खतरों से कैसे बचाए रख सकता है। भारत सरकार के योग प्रोटोकोल समिति के सदस्य पद्मश्री डॉ भारत भूषण ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि डायबिटीज की पैठ से हम तभी तक मुक्त हैं जब तक योगाभ्यास से अपने तन मन को साधे हुए हैं, इससे दवाइयों के साइड इफेक्ट्स से सुरक्षा के साथ साथ जीवन स्तर में आनंद देने वाला गुणात्मक परिवर्तन भी आता है। संगोष्ठी को प्रमुख योगाचार्य अनीता शर्मा, एन के शर्मा, ललित वर्मा, अरविंद शर्मा व इं. पवन कुमार ने भी संबोधित किया।