-प्रतिबंध लगाने की हकीकत: सडकों व प्लाॅटो में दिख रही पाॅलीथीन
सिटीवेब/अरविंद सिसौदिया।
नानौता। नगर पंचायत में सफाई के प्रति अगर इसी प्रकार उदासी बनी रही तो स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की स्वच्छता रैकिंग में पिछड सकता है। 40 माइक्रोन से कम मोटाई के पाॅलीथीन पर प्रतिबंध होने के बावजूद नगर पाॅलीथीन से अटा पडा है। सवाल यह है कि जब पाॅलीथीन बेचने पर प्रतिबंध है तो फिर ये आ कहां से रही है। इसका अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं है। पाॅलीथीन के उपयोग पर रोक लगाने की हकीकत खाली प्लाॅटो, सडक किनारे व नालियों में दिख रही है। इससे साफ होता है कि पाॅलीथीन पर बिक्री पर रोक लगाने के निर्देशों को अधिकारी कहीं न कहीं चूक कर रहे है।
नगर में देखे जा सकते है प्लास्टिक के ढेर -
नगर में कूडा स्थलों के आसपास से लेकर रखे डस्टबिन के आसपास भी प्लास्टिक की चम्मच से लेकर डिस्पोजल प्लेट भी देखने को मिल जाती है। इसके अलावा छोटे दुकानदारों जैसे सडक किनारे सब्जी, फल, चप्पल व जूते, रेहडियों पर सामान बिक्री करने वालों के पास पाॅलीथीन में सामान दिया जा रहा है। यदि देखा जाएं तो जागरूकता से लेकर सरकार के नियमों को ताक पर रखकर इसका इस्तेमाल धडल्ले से किया जा रहा है।
नगर में एक भी होर्डिंग नहीं -
पर्यावरण दिवस, जागरूकता कार्यक्रमों में तो पाॅलीथीन के नुकसान बताकर इसका उपयोग न करने के भाषण तो बहुत दिए जाते है। लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है। यह अभियान सिर्फ आयोजनों तक सिमट कर रह जाते है। पूरे नगर में शायद ही कहीं होर्डिंग या पोस्टर पाॅलीथीन जागरूकता को देखने को मिले।
सडक किनारे गिरा देते है कचरा -
प्लास्टिक को खेतों तक पहंुचाने में नगर पंचायत भी पीछे नहीं है। कचरें को नगर के गंगोह रोड पर सडक किनारे ही खुले में डाला गया है। जिसके बराबर में खेतो के साथ-साथ राजवाहा भी बहता है। कचरे में पडा पाॅलीथीन हवा के साथ उडकर खेतों व नहरों में जाता है। जिससे खेतों की उपजाऊं शक्ति कम होती है।
हो सकती है कारवाई -
प्रतिबंधित पाॅलीथीन का विक्रय करने वालों पर दंडात्मक कारवाई हो सकती है। लेकिन नगर पंचायत खुलकर कारवाई नहीं करता है और न हीं लगातार अभियान चलाता है। दिनभर में 10-20 दुकानदारों की जांच कभी कभी कर ली जाती है। जिसके चलते पाॅलीथीन इस्तेमाल करने वाले दुकानदारों के हौंसले बुलंद है।
क्या कहते है अधिशासी अधिकारी -
नगर पंचायत के ईओ बृजेन्द्र चैधरी की मानें उनके द्वारा पूरे सालभर में करीब 85 किलो पाॅलीथीन जब्त कर 45 हजार 900 रूपए का जुर्माना लगाया जा चुका है। समय-समय पर अभियान चलता रहता है।