जितेंद्र मेहरा।
सहारनपुर। विकास भवन सभागार में नैशनल लाइव स्टोक मिशन अन्तर्गत पशुपालन विभाग के कर्मियों को दक्षता निर्माण के उददेश्य से पाच दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदघाटन जिलाधिकारी महोदय द्वारा किया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 26.08.2019 से 30.08.2019 तक चलेगा। प्रथम दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम विकास भवन के सभागार में तत्पश्चात तीन दिन तक प्रशिक्षण पशुचिकित्सालय मण्डी परिसर सदर एंव अन्तिम दिन का प्रशिक्षण कार्यक्रम विकास भवन सभागार में सम्पादित होगा। प्रथम दिन के प्रशिक्षण में जिलाधिकारी महोदय द्वारा पशु धन के महत्व को समझाते हुए अवगत कराया गया कि भगवान विष्णुजी द्वारा सर्वप्रथम पशु अवतार ही लिये गये है। अतः पशुओं का स्थान मानव जाति से भी उच्च है। प्राचीन काल में महिष वंशीय पशुओं को गोवाल के नाम से जाना जाता था तथा प्राचीन काल में लडकियों को दुहिता के नाम पुकारा जाता था क्योंकि उस समय गाय के दुग्ध निकालने की व्यवस्था उनके द्वारा ही की जाती थी। मास्टर ट्रेनर डा0 राजेशकुमार शर्मा, द्वारा राष्ट्र के सतत विकास में पशुधन का योगदान, कृत्रिम गर्भाधान का विकास, महत्व एंव दुग्ध उत्पादन में योगदान पर प्रकाश डालते हुए प्रशिक्षण दिया गया। मास्टर ट्रेनर डा0 देवव्रत तोमर द्वारा पशुओं में अतिहिमीकृत वीर्य द्वारा कृत्रिम गर्भाधान की मानक सचांलन प्रक्रिया एंव सहयोगी स्टॉफ की भूमिका, पशुओं के गर्भाधान में प्रयुक्त होने वाले उपकरणों का जीवाणुहरण एंव रख रखाव के सम्बन्ध अवगत कराया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में तीस प्रशिक्षणार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। प्रशिक्षण में डा0 वाई0पी0एस0 नायक अपर निदेशक पशुपालन, डा0 बी0एस0शर्मा मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, डा0 प्रमोदकुमार, डा0 यशबीरसिहं, डा0 अनिलकुमार यादवतथा डा0 धर्मराजवर्मा ने भी अपन ेविचार रखे।