नोएडा विधान सभा से किस प्रत्याशी के सिर जीत का सेहरा बंधेगा, यह जानने के लिए तो अभी 11 मार्च तक इंतजार करना होगा, लेकिन लोगों ने हार-जीत के समीकरण मतदान के दौरान ही बनाने शुरू कर दिए। मतदान केंद्र से लेकर चाय तक की दुकानों पर कहीं साइकिल फुल स्पीड में दौड़ी तो कहीं कमल का फूल खिला। कई जगह हाथी भी खूब तेजी से दौड़ा। मतदान के दौरान प्रत्याशियों के समर्थक मतदाताओं की संख्या के आधार पर ही गुणा भाग करने में जुट गए। सभी ने अपने प्रत्याशी के सिर जीत का सेहरा बांध दिया। इसके लिए अलग-अलग कारण और तर्क भी दिए गए। चाय की दुकानों पर समर्थक अपने तर्क और तथ्यों के आधार पर अपनी बात की पुष्टि करने का प्रयास करते रहे। कहीं भीतरघात की चर्चा रही, तो कहीं कार्यकर्ता व पदाधिकारियों की नाराजगी को जीत का कारण बताया। वहीं जातिगत आधार पर भी लोग जीत का सेहरा बांधने से चूकते नजर नहीं आए। लोगों ने ऐसे जातिगत समीकरण सामने रख दिए कि हर प्रत्याशी एकतरफा जीतता नजर आ रहा है। मतदाताओं ने किसके पक्ष में फैसला लिया है, इसका खुलासा तो 11 मार्च को होगा, लेकिन समर्थकों ने अपने प्रत्याशी को बधाई देने का सिलसिला मतदान खत्म होने से पहले ही शुरू कर दिया था।