सहारनपुर। राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृष्णन के हाथों पहला राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान पाने वाले सहारनपुर नगर के पहले शिक्षक और स्वतंत्रता सेनानी पंडित विशंभर सिंह को उनकी 113 वीं जयंती पर नेशन बिल्डर्स अकेडमी, मोक्षायतन अंतरराष्ट्रीय योग आश्रम व राष्ट्र वंदना मिशन द्वारा विशेष रूप से याद किया गया। नेशन बिल्डर्स अकेडमी के छात्र-छात्राओं, योग साधकों, शिक्षकों के गणमान्य लोगों द्वारा पुष्पांजलि के साथ शुरू हुए इस कार्यक्रम में नई पीढ़ी को पंडित जी के राष्ट्रप्रेम, सादगी, सेवा भाव व दृढ़ संकल्प के कई किस्से राष्ट्र वंदना मिशन के स्वप्न द्रष्टा व राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त पुलिस उपाधीक्षक रहे। एकेडमी के शिक्षक अजय यादव ने बताया कि सहारनपुर की गरिमा बढ़ाने में पंडित जी का बड़ा योगदान है, देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद भी उनके बड़े बेटे ओंकार सिंह द्वारा शुरू किए गए गूंगे बहरे बच्चों के स्कूल की नींव रखने के लिए पहली बार सहारनपुर आए थे। प्रिंसिपल श्रीमती इष्ट शर्मा ने कहा कि कश्मीर से धारा 370 और 35ए हटाकर पूरे भारत को एकजुट करने और एक झंडा एक कानून आ जाने से पंडित विशंभर सिंह जी का सपना साकार हुआ है। आयोजन में डॉक्टर अशोक गुप्ता, वरिष्ठ साधक विजय सुखीजा, श्रीमती मंजू गुप्ता व सचिव नंदकिशोर शर्मा ने भी पंडित जी से जुड़े अनेक संस्मरण सुनाए और कहा कि उनके साथ बैठना और उनकी प्रेरक बातें सुनना हम में नई शक्ति का संचार कर देता था, हम अपने जीवन को बनाने में उनकी भूमिका को बिसरा नहीं सकते।