-चीन के वुहान शहर में फंसा है नानौता के गांव चैरा का छोरा वर्णिक चैधरी
सिटीवेब/अरविंद सिसौदिया।
नानौता। चीन में कोरोनावायरस के फैलने के बाद से जहां पूरे चीन में अफरातफरी का माहौल है। तो वहीं चीन में फंसें नानौता के छोरे को दूतावास से लगातार तारीख पर तारीख दी जा रही है। जिसके चलते वह इस बात से परेशान हो चुका है। जिसके चलते वह लगातार भारतीय दूतावास के संपर्क में बना हुआ है।
पहले 12 फरवरी फिर 20 आगे 23 फरवरी की तारीख, लेकिन नतीजा केवल सिफर, जी हां अदालतों जैसी तारीखें चीन के वुहान शहर में ब्रावो वैक्स कंपनी के सीनियर रिसर्च इंजीनियर व सहारनपुर जिले के नानौता नगर के गांव चैरा निवासी वर्णिक चैधरी को भारतीय दूतावास से बार-बार दी जा रही है। वर्णिक चैधरी हर रात अगली सुबह भारत पंहुचने का सपना देखता है कि शायद कल उसे दूतावास से भारत पंहुचने वाली फ्लाइट की तारीख मिल जाएगी और वह अपने परिवार के बीच पंहुच सकेगा। लेकिन हर दिन उसका यह सपना टूट जाता है। वर्णिक चैधरी ने बताया कि कोई ऐसा दिन नहीं जाता कि वह अपने परिजनों से बात न करता हो। उसने यह भी बताया कि चीन में फैले कोरोनावायरस के चलते उसके रिश्तेदार भी चिंता करने लगे है। उनके फोन, मैसेज व वीडियो काॅलिंग कर उसकी खैरियत पूछते रहते है। हांलाकि वह बिल्कुल स्वस्थ है। चीन में हालात भी पहले से कुछ ठीक है, लेकिन फिर भी एक अनजाना सा डर लगा रहता है। वर्णिक ने बताया कि आॅफिस व बाजार बंद होने से या पार्क आदि जगह न जाने के चलते कमरे में अकेले बैठकर मोबाइल चलाते है या फिर टीवी देखकर दिन बिताने का प्रयास करते है। अब उसे इंतजार है तो उसकी भारत पंहुचाने वाली फ्लाइट का।
क्या कहती है वर्णिक की मां -
इंजीनियर वर्णिक की मां खामोश देवी ने बताया कि वैसे तो उसके बेटे से हर दिन बात होती रहती है। वह चीन में ठीक भी है। लेकिन जब से इस कोरोनावायरस के फैलने का पता चला है तब से ऐसा लगता है कि एक बार बेटे से मिलकर उसे देख जरूर लें। तो वहीं पिता नरेश चैधरी का कहना है कि काफी दिन हो गए है बेटे को अपने सामने देखे हुए, यदि जल्द उसकी फ्लाइट हो जाएं तो उससे मिल भी लेंगे। लेकिन इससे पहले वह यहां घर पंहुचेगा उससे पूर्व उसे 14 दिन दिल्ली के आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा।