टनकपुर स्टेशन से खटीमा तक रेलवे पटरी पर बगैर इंजन मालगाड़ी दौड़ने की घटना को पूर्वोत्तर रेलवे ने गंभीरता से लिया है। घटना की जांच के लिए अधिकारियों की चार सदस्यीय टीम गठित की गई है।
अब तक हुई जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि मामले में निलंबित पीलीभीत के सीनियर सेक्शन इंजीनियर (निर्माण) एवी सिंह ही जिम्मेदार हैं, उनके गैर जिम्मेदाराना निर्देश की वजह से ही मालगाड़ी दौड़ी थी। बहरहाल जांच टीम को घटना की गहराई से जांच के निर्देश दिए गए हैं।
टनकपुर-पीलीभीत के बीच बड़ी रेल लाइन निर्माण के लिए टनकपुर से गिट्टी ले जाने के जाने को 9 जुलाई को मालगाड़ी के 53 डिब्बे टनकपुर स्टेशन पर आए थे।
मंगलवार को सीनियर सेक्शन इंजीनियर एवी सिंह की मौजूदगी में इन डिब्बों में गिट्टी भरी जा रही थी कि सुबह आठ बजे गिट्टी लदे आठ डिब्बे पटरी पर दौड़ पड़े, जिन्हें करीब 22 किमी. दूर खटीमा स्टेशन के पास डिपट्राली पर छह पटरियां डालकर रोका जा सका।
बगैर इंजन पटरी पर दौड़े इन डिब्बों की चपेट में आने से जहां बनबसा में चार बकरियों की मौत हुई, वहीं खटीमा में एक बछड़ा घायल हुआ और एक ट्रैक्टर चकनाचूर हो गया। सूचना पर तत्काल मौके पर पहुंचे रेलवे के वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी सीएल साह के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम ने जानकारी जुटा सीनियर सेक्शन इंजीनियर पीलीभीत एवी सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
पूर्वोत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी ने जांच के लिए चार अफसरों की टीम गठित की है। जांच टीम में सहायक मंडल इंजीनियर (निर्माण) मसूद, सहायक यांत्रिक इंजीनियर (ओएंडएस) राहुल मिश्रा, सहायक मंडल इंजीनियर पीलीभीत राजेंद्र सिंह व सहायक मंडल परिचालन प्रबंधक आशीष त्रिपाठी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जांच टीम जल्द ही घटना के कारणों की जांच कर रिपोर्ट वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी को सौंपेगी।
उन्होंने बताया कि इस प्रारंभिक जांच में यह साफ हो गया है बगैर इंजन के मालगाड़ी का दौड़ना निलंबित हुए सीनियर सेक्शन इंजीनियर (एसएसई) के गैर जिम्मेदाराना निर्देश का नतीजा है। बताया गया है कि टनकपुर स्टेशन पर मालगाड़ी के डिब्बों में जेसीबी मशीन से गिट्टी भरी जा रही थी।
आठ डिब्बे लोड करने के बाद भरे डिब्बों को लाइन में आगे बढ़ाकर खाली डिब्बे गिट्टी स्टाक के पास लाने के लिए सीनियर सेक्शन इंजीनियर के निर्देश पर जेसीबी मशीन से भरे डिब्बों में धक्का लगाया गया था, जिससे डिब्बे पटरी पर ऐसे दौड़े कि उन्हें रोकना मुश्किल हो गया। बताया गया कि मौके पर मौजूद रेलवे के एक अधिकारी ने सीनियर सेक्शन इंजीनियर को ऐसा गैर जिम्मेदाराना कार्य करने से दो बार रोका भी था, लेकिन वह नहीं माने और जेसीबी से धक्का लगवाकर डिब्बों को पटरी पर दौड़ा दिया।