चुनावी मौसम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जातिगत राजनीति के बीच गरीब कल्याण को हथियार बनाने का दांव आजमाने का संकेत दिया है। पीएम मोदी ने शनिवार को कहा कि गरीबी उन्मूलन उनकी सरकार का फोकस रहा है और कालेधन तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ नोटबंदी की मुहिम से उनके जीवनस्तर में व्यापक सुधार आएगा।
पांच राज्यों के चुनाव से ठीक पहले संपन्न हुई भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उन्होंने कहा कि गरीबों की सेवा भगवान की सेवा है। संस्कृत के एक श्लोक का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैं सत्ता, स्वर्ग या दूसरे जीवन की इच्छा नहीं रखता बल्कि अपनी जिंदगी गरीबों की सेवा में समर्पित करना चाहता हूं। मैं गरीबी में ही पला-बढ़ा हूं और गरीबी को परास्त करने की ताकत गरीबों के पास ही है।’ उन्होंने एक बार फिर चुनाव सुधार की वकालत की और राजनीतिक दलों की सहमति चाही।
पीएम ने कहा कि केंद्र में उनके नेतृत्व में सरकार बनने के बाद जितने भी कार्य हुए हैं वे गरीबी दूर करने के लिए हैं। जनधन, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना से लेकर नोटबंदी तक के कदम को उन्होंने गरीबी दूर करने वाला करार दिया। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया है कि वे सरकार के जरिये गरीबों के लिए किए गए कार्यों को लेकर बूथ स्तर तक जाएं। चुनाव में स्थितियां भाजपा के पक्ष में हैं। हालांकि विपक्ष के वार से बचने की कवायद में पीएम ने यह भी कहा कि गरीब और गरीबी हमारे लिए चुनाव जीतने के माध्यम नहीं है। हम इन्हें वोट बैंक के चश्मे से नहीं देखते हैं।