एसएल कश्यप
सहारनपुर। मात्र 22 वर्ष की आयु में युवा पत्रकार आशीष ने जीवन के कई पड़ाव देखे। दो साल पहले पिता की मौत के बाद परिवार का सारा बोझ उसी पर था। पिता की मौत को भी उसने तिल-तिल कर देखा था। पिता की मौत के बाद मां व छोटे भाई की परवरिश तथा मकान को बनाने के बाद उसने अपनी शादी की। इस दौरान युवा पत्रकार ने ऐसा कोई संस्थान नहीं छोड़ा जहां उसने पत्रकारिता नहीं की हो। सहारनपुर में ही आशीष ने कई दैनिक अखबारों में काम किया। इसके बाद उसे मेरठ से प्रकाशित दैनिक जनवाणी में पत्रकारिता का मौका मिला। उसका कारवां यहीं नहीं रूका। उसने शामली में दैनिक जागरण में पत्रकारिता की और उसके बाद यमुनानगर में अमर उजाला के लिए पत्रकारिता की। नई-नई शादी व घर की जिम्मेदारियों को संभालने के लिए उसे सहारनपुर में ही पत्रकारिता की तलाश थी। उसकी मेहनत रंग लायी और एक बार फिर उसे अपने गृहजनपद में ही दैनिक हिन्दुस्तान अखबार में पत्रकारिता करने का मौका मिला। युवा पत्रकार की प्रतिभा यहीं नहीं रूकी। उसकी लेखनी के दम पर उसे दैनिक जागरण ने काम करने की ऑफर दी तो मात्र एक सप्ताह पूर्व ही उसने सहारनपुर में दैनिक जागरण ज्वाइंन किया था। 22 वर्ष की उम्र में आशीष ने सभी प्रतिष्ठित हिन्दी दैनिक अखबारों में काम किया, जो अच्छे-अच्छे लोग भी नहीं कर सकते। कहना न होगा कि 22 वर्ष की उम्र में युवा पत्रकार ने 100 वर्ष की जिंदगी को भी पीछे छोड़ दिया।