सहारनपुर। सरसावा ब्लॉक की दो ग्राम पंचायतें गयाजुद्दीनपुर और सौंधेबांस यमुना पार है। बरसात में इन दोनों ग्राम पंचायतों के लोगों के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो जाती है। अपने निजी कामों के लिए जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए इन लोगों को अपनी जान जोखिम में डालकर किश्ती में बैठकर यमुना पार करनी पड़ती है। यही नहीं पठेड, चिलकाना,सरसावा आदि में शिक्षा ग्रहण करने वाले स्कूली बच्चों को भी किश्ती में बैठकर यमुना पार करके स्कूलों में जाना पड़ता है। आल्हनपुर, पंचकुआ, टोडरपुर, भूखड़ी, मुकर्रमपुर, मझार, दभेडा, शाहपुरा आदि गांव के किसानों की जमीन भी यमुना पार है। इन गांवों के किसानों को खेती करने के लिए और पशुओं का चारा लेने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर किश्ती से ही यमुना पार करनी पड़ती है। गांव के लोगों ने इस बड़ी समस्या से छुटकारा पाने के लिए समय-समय पर जनप्रतिनिधियों से भी गुहार लगाई है लेकिन फिलहाल स्थिति जस की तस है।इन सभी गांवो के लोगों का कहना है कि लोकसभा, विधानसभा, विधान परिषद आदि के चुनाव में नेता लोग जब वोट मांगने के लिए आते हैं तो इस समस्या के समाधान का वायदा करके जाते हैं लेकिन चुनाव जीतने के बाद यही नेता लोग क्षेत्र की इस बडी समस्या को नजरअंदाज कर देते हैं।यही नहीं यमुना के पार इन 2 ग्राम पंचायतों में अगर ग्रामीणों को पुलिस सहायता की जरूरत पड़ जाए तो वह भी उन्हें तत्काल नहीं मिल पाती है क्योंकि पुलिस को हरियाणा से घूम कर इन गांवों में जाना पड़ता है।फिलहाल तो यमुना पर पुल न होने के कारण यमुना के इस पार और यमुना के उस पार बसे गांवों के ग्रामीण इस बड़ी समस्या से जूझ रहे हैं।