गौतमबुद्ध नगर की महत्वाकांक्षी परियोजना जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की केंद्रीय बजट में एक बार फिर अनदेखी की गई है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने छोटे शहरों में पीपीपी मॉडल पर हवाई अड्डे व हवाई अड्डों के अपग्रेडेशन में जमीन को लेकर आने वाली अड़चन को दूर करने के लिए कानून में संशोधन की बात की। लेकिन जेवर में वर्षों लंबित हवाई अड्डे के लिए उन्होंने अपना खजाना नहीं खोला। क्षेत्र के लोग इससे निराश हैं। जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा परियोजना एक दशक पुरानी है। प्रदेश की मायावती सरकार ने इसका प्रस्ताव तैयार कर केंद्र को भेजा था। लेकिन केंद्र व राज्य के बीच तालमेल न होने के कारण प्रस्ताव की फाइल आगे नहीं बढ़ी। प्रदेश में सपा सरकार की सरकार आने के बाद भी इस परियोजना को खास तवज्जो नहीं मिली। स्थानीय सांसद डा. महेश शर्मा के केंद्रीय उड्डयन राज्य मंत्री बनने पर परियोजना कुछ आगे बढ़ी। उन्होंने क्षेत्र के लोगों से दावा किया कि जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा जरूर बनेगा। उन्होंने दावा भी किया था कि जेवर हवाई अड्डे को मंजूरी दे दी गई है, लेकिन बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया। यमुना प्राधिकरण ने हवाई अड्डे के लिए जेवर क्षेत्र में करीब ढाई हजार एकड़ जमीन जेवर के समीप आरक्षित कर रखी है। हवाई अड्डा परियोजना के लिए रक्षा मंत्रालय अपनी अनापत्ति दे चुका है। इसके बाद उम्मीद थी कि इस बजट में केंद्र सरकार जेवर हवाई अड्डे को लेकर बड़ी घोषणा कर सकती है। लेकिन बुधवार को संसद में पेश बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री ने जेवर हवाई अड्डे को लेकर कोई घोषणा नहीं की। जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गौतमबुद्ध नगर के विकास का दारोमदार टिका है। रियल एस्टेट को गति मिलने के साथ औद्योगिक विकास, पर्यटन में भी जबरदस्त इजाफा होगा। यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में तमाम प्रयास के बावजूद विकास की रफ्तार थमी हुई है। इसलिए प्राधिकरण जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे परियोजना पर निगाहें लगाए है। रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े डीपी ¨सह का कहना है कि जेवर हवाई अड्डा परियोजना में पहले ही काफी विलंब हो चुका है। गौतमबुद्ध नगर व आसपास के जिलों का विकास हवाई अड्डे के निर्माण से बुलंदी पकड़ेगा। केंद्रीय बजट में इसके लिए प्रावधान न होना निराशाजनक है। प्रदीप शर्मा का कहना है कि स्थानीय सांसद के केंद्रीय मंत्री होने से जेवर हवाई अड्डे को बजट में शामिल होने की उम्मीद थी। वह टूट गई है।