गुरजोत सेठी।
देवबंद। जमीयत उलमा-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सर संचालक मोहन भागवत की दिल्ली में हुई मुलाकात पर कहा कि यह मुलाकात सांप्रदायिक सौहार्द के नए आयाम स्थापित करेगी। पत्रकारों से वार्ता करते हुए मौलाना अरशद मदनी ने आरएसएस के सर संचालक मोहन भागवत से हुई मुलाकात के बारे में बताते हुए कहा कि वर्तमान परिस्थितियों पर हमने उनके सामने इस नजरिये को पेश किया कि अगर इस वक्त मिलकर भाईचारगी और प्यार मोहब्बत के लिए काम नहीं करेंगे तो आने वाले दिन अल्पसंख्यक और बहुसंख्यकों के लिए भी बहुत हानिकारक साबित होंगे। कहा कि भागवत जी से कहा कि हमें लगता है कि कहीं मुल्क तबाह न हो जाए इसलिए हमें मिलकर काम करना चाहिए और इसके लिए आप हमारे साथ मिलें और आगे बढ़ें इसके लिए हमने पहल कर दी है। उनके सामने यह प्रस्ताव रखा गया कि जो आरएसएस और हमारे मदरसों के लोग हैं और जो उनके मदरसों और विश्वविद्यालयों के लोग हैं उन सबको जमा होना चाहिए। मौलाना मदनी ने बताया कि इस पहल के अंदर आरएसएस की बुनियादी शख्सियत मोहन भागवत का आगे बढना और यह वादा करना कि हम सब मिलजुलकर काम करेंगे। मुल्क को बचाने के लिए उन्होंने हमारे प्रस्ताव का दिल खोलकर स्वागत किया।