मात्र तीन संचालक व डेलीगेट्स ही कह पाएं किसान व मिल हित की बात
अरविंद सिसौदिया।
नानौता। किसान सहकारी चीनी मिल प्रांगण में वार्षिक सामान्य निकाय (एजीएम) की बैठक आयोजित की गई। जिसमें उपस्थित संचालकों व डेलीगेटो ने अधिकारियों के साथ मिलकर 13 एजेंडों पर विचार विमर्श कर अपने सुझाव भी दिए। बृहस्पतिवार को चीनी मिल में आयोजित बैठक में चीनी मिल अध्यक्ष जिलाधिकारी की अनुपस्थिती में एडीएम शेरी द्वारा बैठक की कार्यवाही की गई। इस दौरान पिछले वर्ष संपन हुई बैठक की कार्यवाही का अवलोकन, 2019-20 हेतू लक्ष्य एंव कार्ययोजना, तकनीकी परफोरमेन्स पेराई सत्र 2017-18 व 2018-19 की स्थिती पर विचार किया गया। इसके अलावा चीनी मिल में अपग्रेडेशन एंव रिफाइंड शुगर प्लांट की स्थापना हेतू तैयार डीपीआर. पर टेंडर एंव उप्र. सहकारी चीनी मिल संघ को अधिकृत किए जाने, मिल समीति में चल रहे डबल एंव भूमिहीन सदस्यों की सदस्या समाप्त करने, मिल समीति में मृतक कृषकों के वारिस सदस्यों को विधिवत सदस्य बनाने, पेराई सत्र 2018-19 का गन्ना मूल्य भुगतान की स्थिती पर विचार किया गया। इसके अलावा मिल में कर्मचारियो की आवश्यकता एंव औचित्य होने पर संघ की पूर्व अनुमतित से आउटसोर्सिंग पर कर्मचारियो को रखे जाने, गन्ना सुरक्षण विषयक प्रस्ताव, अधिकतम , ऋण क्षमता पर विचार, तित्तीय वर्ष 2018-19 का टेंटेटीव वार्षिक लेखो की समीक्षा, 2019-20 के बजट का अनुमोदन करने पर विचार विमर्श किया गया।
मूकदर्शक बने रहे संचालक व डेलीगेट-
नानौता चीनी मिल में उपसभापति सहित 13 संचालक है जबकि पूरे मिल के कुल 188 डेलीगेट है। जो कि पूरे चीनी मिल क्षेत्र के किसानों की समस्याओं को एजीएम में रखते है। जहां संचालक तो लगभग सभी पंहुचे थे, लेकिन डेलीगेटो की संख्या मात्र 100 तक ही रह पाई। इस दौरान मंच पर बैठे संचालकगणों में केवल उपसभापति प्रदीप राणा, सहित मात्र तीन संचालक अमीसिंह, ही अपनी बात किसानों के हित में रख पाएं। जबकि उपस्थित 100 डेलीेगेट्स में से केवल तीन डेलीगेट बलबीर सिंह, केहर सिंह व एक अन्य द्वारा ही किसानों व मिल हित में बात रखी व उनको लागू करने की बात कही। जबकि बाकी संचालक व डेलीगेट्स बोलने की हिम्मत तक नहीं कर पाएं।