नई दिल्ली(30 नवंबर): 9/11 के आतंकवादी हमले के बाद अमेरिकी द्धारा पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य सहायता में कमी आई है। हमले के बाद औसतन हर साल 2.2 अरब डॉलर से अधिक की कमी आई है तो वहीं 2017 में 526 मिलियन डॉलर की कमी की गई, जो आगे और गिरने का संभावना है। इससे दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव का पता चलता है।
कांग्रेस के अनुसंधान सेवा (सीआरएस) द्वारा एकत्रित आंकड़ों के मुताबिक, 2018 में कुल सहायता $ 345 मिलियन होने की उम्मीद है, जिसमें 134 मिलियन डॉलर की सुरक्षा संबंधी सहायता और 211 मिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता शामिल है।
2001 में आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व वाले युद्ध में शामिल होने के पाकिस्तान के फैसले से सहायता में बहुत बढ़ोतरी हुई। 2002 और 2011 के बीच, आर्थिक सहायता फंड, विदेशी सैन्य वित्तपोषण, गठबंधन सहायता निधि (सीएसएफ) प्रतिपूर्ति और आतंकवाद विरोधी आतंकवाद सहित कुल सहायता - $ 22.14 बिलियन का भारी मूल्य था।
इसमें सीएसएफ से $8.8 बिलियन प्रतिपूर्ति और सुरक्षा संबंधी सहायता में कुल $ 5.7 बिलियन शामिल हैं। सीएसएफ का उपयोग अफगानिस्तान में अमेरिकी नेतृत्व वाले सैन्य अभियानों के लिए सैन्य और सैन्य सहायता के लिए पाकिस्तान की प्रतिपूर्ति करने के लिए किया जाता है।
पाकिस्तानी मुख्य सैन्य अकादमी के पास स्थित एक परिसर में बिन लादेन की हत्या का सीएसएफ से धन पर काफी प्रभाव पड़ा।
पाकिस्तान को दी जानी वाली मदद में कमी पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के दूसरे कार्यकाल के दौरान से ही शुरू हो गई थी। इसके बाद डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन ने इस्लामाबाद के खिलाफ और सख्त कदम उठाए।