एसएल कश्यप।
सहारनपुर। साम्प्रदायिक सौहार्द एवं एकता के प्रतीक बाबा श्री जाहरवीर की याद में म्हाड़ी मेले के तीसरे दिन भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने नेजा का प्रतीक चिन्ह निशान व प्रसाद चढ़ाकर मन्नते मांगी। मंगलवार को म्हाड़ी मेले का आखरी दिन होने के चलते सुबह के समय म्हाड़ी स्थल पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। लम्बी-लम्बी लाइनों में लगकर श्रद्धालुओं ने बाबा श्री जाहरवीर के जयकारों के बीच प्रसाद चढ़ाया। मेले में तीन दिन विश्राम करने के बाद नेजा सहित सभी 26 छड़ियां पूजन के बाद मेला गुघाल परिसर स्थित विश्रामपुरी भैरव-काली मंदिर के लिए प्रस्थान कर गई। मंगलवार को मेले के तीसरे दिन भारी सुरक्षा व्यवस्था रही। सभी वर्ग के लोगों ने मेले के आसपास लगी दुकानों का लुत्फ उठाया। उमस भरी गर्मी से निजात दिलाने के लिए जगह-जगह पानी की छबील लगाई गई थी। बड़ी संख्या में युवाओं ने पूर्वी यमुना नहर में डूबकी लगाकर गर्मी से निजात पायी। दोपहर बाद म्हाड़ी स्थल पर लगी अस्थायी दुकानें उखड़ना शुरू हो गई। धीरे-धीरे सभी दुकानें ऐतिहासिक गुघाल मेले के लिए रूख कर गई।