ग्रेटर नोएडा। प्राधिकरण कर्मचारियों द्वारा दी गई संपत्ति का ब्यौरा झूठा है , प्राधिकरण कर्मचारियों के पास बहुत हैं बेनामी संपत्ति ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण हो या नोएडा प्राधिकरण हो, गाजियाबाद प्राधिकरण हो या यमुना प्राधिकरण हो, सभी प्राधिकरणों में पिछले 14 सालो मे इतने घोटाले हुए हैं और इतनी रिश्वत ली गई है की आज लगभग हर कर्मचारी अरबपति है । विभाग कोई भी हो सभी में लगभग एक सा हाल रहा है । ठेके, टेंडर, आवंटन , ट्रांसफर , सड़क और हॉर्टिकल्चर में मिलकर ऐसा खेल खेला गया की सबको प्रयाप्त मौका मिला अरबपति बनने का । यमुना प्राधिकरण में डेपुटेशन पर आए कर्मचारी वसी खान ने तो वर्तमान यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह के फर्जी साइन करके घोटाला करने की कोशिश की , जिसकी जांच चल रही है परंतु वसी खान आज भी यमुना प्राधिकरण में उसी पोस्ट पर जमा हुआ है । जब यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह से पूछा गया कि वसी खान जिसने आप ही के सिग्नेचर करके घोटाला करना चाहा था आप ही के विभाग में पिछले पांच सालों से कैसे जमा हुआ है तो सीईओ अरुणवीर सिंह ने बड़ा मजबूरी भरा बयान दिया कि हमारे यहां कर्मचारी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण नियुक्त करता है और हमारे पास वसी खान के अलावा कोई और कर्मचारी है ही नहीं । जिन्हें जेल में होना चाहिए वह मलाई के पद पर बैठे हैं । योगी सरकार को सबसे पहले बेईमान कर्मचारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए , सबसे पहले उन्हें नौकरी से बर्खास्त करना चाहिए और उनकी व उनके परिवार की संपत्ति जब्त करके जांच करनी चाहिए , ताकि अन्य कर्मचारियों को सही संदेश मिल सकें। प्राधिकरण के एक भूतपूर्व कर्मचारी की संपत्ति हजार करोड रुपए की आंकी जाती है और आज भाजपा में एंट्री करना चाह रहा हैं। सवाल यह है कि ऐसे लोग अगर रिश्वत और बेईमानी से अपना साम्राज्य खड़ा करते हैं और उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता तो सभी कर्मचारियों को संदेश जाता है कि बेईमानी करो, अपना घर भरो, बेनामी संपत्ति बनाओ, मजे करो, मौका मिले तो सत्ता पक्ष में घुसकर नेता बन जाओ । इस तरह के लोग समाज में प्रतिष्ठा पाते हैं तो निसंदेह शर्म की बात है , और कानून की लाचारी है । योगी सरकार व केंद्र की मोदी सरकार को देशभर के बईमान अफसरों पर सख्त कदम उठाना चाहिए । सबसे पहले इन सभी की संपत्तियों को जप्त करके व पद से हटाकर निष्पक्ष जांच करनी चाहिए । आय से अधिक संपत्ति के मामले में इनको जेल के अंदर डालना चाहिए। ऐसे भारत में लाखों अधिकारी है जिनमें से कुछ ही पकड़े जाते हैं अन्यथा पूरी जिंदगी ऐशो आराम और मजे से गुजारते हैं । परंतु अब जनता को लगता है मोदी और योगी मिलकर इन सब भ्रष्टाचारियों को जल्दी ही इनकी सही जगह पर पहुंचाएंगे