सर्टिफिकेट मिलने पर भी बैंक नहीं दे रहे लोन
सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में बैंको की कार्यशैली से एक किसान इतना दुःखी हुआ कि उसने सोशल मीडिया पर अपनी किडनी बेचने का विज्ञापन दे दिया। तहसील नकुड़ इलाके के चत्तरसाली गांव के रहने वाले रामकुमार का कहना हे कि वह किसान प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत डेयरी फार्मिंग की तीन बार ट्रेनिंग ले चुका है। योजना के मुताबिक, ट्रेनिंग करने वाले किसानों को स्वरोजगार योजना के तहत दुधारू पशु पालन के लिए करोड़ों रुपये का लोन उपलब्ध कराया जाता है.। इसके बावजूद रामकुमार के पास तीन-तीन सर्टिफिकेट होने के बाद भी किसी बैंक ने ऋण देना तो दूर आवेदन तक स्वीकार नहीं किया। रामकुमार के मुताबिक, वह लगातार 10 बार ऋण के लिए आवेदन कर चुका है. बावजूद इसके बैंकों ने इसकी कोई सुनवाई नहीं की. जैसे-तैसे रामकुमार ने साहूकारों से 10 लाख रुपये का कर्ज लेकर गांव में दूध की डेयरी खोली थी, लेकिन सिवाय घाटे के उसके हाथ कुछ नहीं लगा.। लगातार नुकसान से वह कर्ज के तले दबता चला गया, जिसके बाद उसने मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक शिकायत की। बावजूद इसके रामकुमार को ऋण मिलना तो दूर उसकी ठीक से सुनवाई भी नही हुई। चारों ओर से निराश होकर कर्ज से पीछा छुड़ाने के लिए रामकुमार ने अपनी किडनी की नीलाम करने का फैसला लिया है। रामकुमार ने तीन दिन पहले सोशल मीडिया पर किडनी बेचने का विज्ञापन पोस्ट कर दिया. जैसे ही किडनी बेचने का विज्ञापन सोशल मीडिया पर आया तो वह तेजी से वायरल हो गया है।