गंगोह। सीएचसी के गायनी विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और अवैध वसूली के आरोपों की जांच करने शुक्रवार को एसीएमओ दयाल शरण सीएचसी पहुंचे। उन्होंने तमाम आरोपों की गहनता से जांच पडताल की। शिकायतकर्ताओं के अलावा स्टाफ से बातचीत करने के साथ ही रिकार्ड भी खंगाला। एसीएमओ दयाल शरण ने जांच के निष्कर्ष के बारे जानकारी देने से इंकार करते हुए रिपोर्ट को गोपनीय करार दिया। गौरतलब है कि गांव मोहनपुरा, खानपुर, दूधला के तनवीर, इकराम, इरफान आदि ग्रामीणों ने गायनी विभाग के स्टाफ पर भ्रष्टाचार व लापरवाही बरतने के गम्भीर आरोप लगाए थे। शिकायतकर्ताओं का कहना था कि उनसे जबरन 1100 रुपये वसूलने के साथ ही पैसा न देने पर गर्मवती महिला को रैफर किया जा रहा है। 29 जुलाई को खानपुर निवासी एक ग्रामीण से महिला चिकित्सक द्वारा प्रसव के नाम पर अवैध वसूली करने का आरोप लगाया गया था, इतना ही नही एम्बुलैन्स में ही जुडवां बच्चे होने का मामला भी सामने आया था। आरोपों के चलते ग्रामीणों ने सीएचसी पर हंगामा तक काटा था, जिसके चलते पुलिस ने मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों को समझा बुझाकर शांत किया था। इतना ही नही स्टाफ नर्स के खिलाफ कोतवाली में नामजद तहरीर तक देकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे। जिसकी पुलिस स्तर से भी जांच जारी है। जांच के दौरान सिस्टर इंचार्ज व स्टाफ नर्सों ने तमाम आरोपों को बेबुनियाद बताया, उनका कहना था कि तमाम आरोप पूर्वाग्रहों से ग्रसित सीएचसी की अन्दरुनी राजनीति के परिचायक है। इन लोगों ने सरकारी रिकार्ड प्रस्तुत करते हुए तमाम आरोपों को गलत करार किया। इतना ही नही एम्बुलैन्स में डिलीवरी वाली घटना को भी 29 के बजाय 27 की बताया। जिसकी रैफर स्लिप भी दिखाई गई। इसके साथ ही आरोपी नर्स ने कहा कि डिलीवरी नार्मल होने के बाद जब वह डयूटी बदलकर अपने घर चली गई। उस वक्त योजना के साथ हंगामा काटा गया। लगभग तीन घंटे की जांच में एसीएमओ दयाल शरण ने दूसरे स्टाफ सदस्यों से भी पूछताछ की।