सिटीवेब/अरविंद सिसौदिया।
नानौता। दिल्ली में लगातार तीसरी बार आम आदमी पार्टी ने पूर्ण बहुमत के सत्ता में वापसी की है। तो वहीं भाजपा को मात्र ही 7 सीट और कांग्रेस पार्टी को शुन्य मिलने के बाद व्हाट्सएप और फेसबुक से लेकर सोशल मीडिया पर इन दोनो पार्टियों को लेकर एक से एक चुटकले व कमेंट पढने के साथ तस्वीरें वायरल हो रही है।
भाजपा और कांग्रेस जैसी देश की बडी पार्टियां मात्र 10 वर्ष पूर्व आम आदमी पार्टी के रूप में उभरे जैसे छोटी क्षेत्रीय पार्टी के समक्ष इस तरह से घुटने टेक देंगी। ऐसा कभी भी विचार भी नहीं किया गया होगा। वो भी ऐसे राज्य में जो देश की राजधानी होने के साथ प्रधानमंत्री से लेकर केन्द्र के सभी मंत्रियों के आॅफिस, देश की संसद और सासंद निवास से लेकर पूरे देश की रणनीति वहीं से तय होती है। उसी राज्य में भाजपा और कांग्रेस को छोटी सी पार्टी द्वारा पटखनी देना बहुत बडी बात है। जहां भाजपा को थोडा सा सूकुन इस बात का होगा कि पिछले चुनाव के मुकाबले 3 से विधायको की संख्या- 7 होने से हल्की सी आॅक्सीजन मिली है तो वहीं कांग्रेस की जैसी दुर्गती शुन्य लेकर इस चुनाव में हुई है यह कांग्रेस के आलाकमान की नींद उडा देने वाली है।
सोशल मीडिया पर आ रहे एक से बढकर एक कमेंट -
आम आदमी पार्टी के जीतने पर व्हाट्सएप से लेकर फेसबुक, इंस्टाग्राम से लेकर अन्य सोशल मीडिया पर कहा जा मजेदार चुटकले और चित्र से लेकर बातें पेश की जा रही है। जिसमें कहा जा रहा है कि मोदी जी ने कहा था भाईयो और बहनों देशद्रोहियो को वोट मत देना, और दिल्ली की जनता ने उनकी बात ली, बीजेपी चाहे तो कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सकती है वो भी पूर्ण बहुमत के साथ बीजेपी -7 और कांग्रेस- 0, टोटल हुआ - 70, हमसे तो यही कहा गया था कि जैसा परिणाम लोकसभा में दिया गया था, जिसमें सात सीट मिली थी इस बार भी ऐसा ही परिणाम आना चाहिए और वो हमने दिया - रिंकिया के पापा, एक प्रधानमंत्री, 11 मुख्यमंत्री, 70 मंत्री, 300 सांसद, एक गृहमंत्री फिर भी दिल्ली हार गए, दिल्ली मंे भाजपा क्यों हारी, क्यांेकि उसे अपने वोटरों की परवाह नहीं, जिसके पीछे पडी रही उनको भाजपा की परवाह नहीं, दिल्ली रिजल्ट के बाद बीजेपी के एक भी कार्यकर्ता ने ईवीएम को दोषी नहीं ठहराया, यही फर्क होता है देशद्रोहियो और देश भक्तों में, मै सुहागन रहंू न रहूं पर पडौसन विधवा होनी चाहिए - कांग्रेस पार्टी, केजरीवाल तो केजरीवाल! ये सपा वाले भी दिल्ली में भाजपा के हारने से इतना खुश है कि जैसे अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बन गए हों।