--सर्दियो में बुजुर्गो में बढा ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
-चिकित्सक बोले सुबह के समय रखे विशेष सावधानी
-मंगलवार को नानौता में ब्रेन स्ट्रोक को हुई महिला की मौत
सिटीवेब/अरविंद सिसौदिया।
नानौता। सर्दी बढने के साथ ही बुजुर्गो में ब्रेन स्ट्रोक बढने का खतरा बढ गया है। दिसंबर महीने में अभी तक नानौता सीएचसी पर तीन मामले सामने आ चुके है। जबकि नगर में ही एक अधेड महिला की ब्रेन स्ट्रोक के चलते मौत हो गई। तो वहीं कुछ मामले ऐसे भी है जिन्हें अस्पताल तक भी नहीं पंहुचाया जा सका। चिकित्सकों ने सभी लोगों को सुब के समय विशेष एहतियात बरतने की सलाह दी है।
इन दिनों कडाके की सर्दी पड रही है। बढी ठंड के चलते पिछले एक महीने में चार बुजुर्गो को सर्दी के चलते ब्लड प्रेशर में आए उतार-चढाव के चलते ब्रेन स्ट्रोक हो गया। विशेषज्ञों के अनुसार मरीजों के दिमाग की नसों में खून का थक्का जमने या सिकुडने के कारण नस फट गई और उन्हें पैरालाइसिस हो गया। इन सभी मरीजों की उम्र करीब 50 वर्ष से ऊपर थी।
ब्रेन स्ट्रोक का कारण -
सीएचसी प्रभारी डा. अमित कुमार के अनुसार तेज सर्दी में शरीर को खुला न रखें। सर्दी में शरीर को खुला रखने से ब्लड के साथ बहने वाला हार्मोन कार्टीसोल का लेवल एकाएक बढ जाता है। जिससे खून गाढा हो जाता है। कार्टीसोल वहीं हार्मोन है जो सर्दियों में व्यक्ति के शरीर का टंेपरेचर बढाने मंे मददगार होता है। यें गाढा खून उन नसों में दौडता है जो सर्दी के कारण सिकुड जाती है। सिकुडी नसों में खून दौडने के कारण ये नसें फट जाती है, जिसके चलते इंसान को पैरालाइसिस हो जाता है।
सुबह को बरतें ज्यादा सावधानियां -
चिकित्सक के अनुसार अधिकाशं मामलों में आता है कि 60 प्रतिशत बुजुर्गो को सुबह 8 से 12 बजे के बीच ब्रेन स्ट्रोक होता है। क्योंकि इस दौरान बुजुर्ग अक्सर धूप में बैठकर अचानक शरीर से गर्म कपडे हटा देते है। ऐसा करने से उन्हें तेजी से ठंड लगती है और उनका ब्लड प्रेशर अचानक बढ जाता है। जिसके चलते उनके दिमाग की नस फट जाती है और पैरालाइसिस हो जाता है।
सर्दी में रखे विशेष सावधानियां -
सीएचसी प्रभारी डा. अमित कुमार के अनुसार सर्दी की शुरूआत में खून के सर्कुलेशन में भी बदलाव होता है। जिसके लकवे का खतरा 60 प्रतिशत तक बढ जाता है। उनके अनुसार सर्दी में शुगर, हार्ट, हाई व लो ब्लड प्रेशर, और मिर्गी वाले मरीजांे को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि इन लोगों को ब्रेन स्ट्रोक अधिक होने का खतरा होता है। इतना ही नहीं सर्दी में बुजुर्गो को अस्थमा व हार्ट अटैक का खतरा होता है। तो वहीं बच्चों में सर्दी में निमोनिया का खतरा रहता है।
क्या करें सर्दियों में -
- सर्दी में बाहर जाने से पूर्व कानों व माथे को गर्म कपडो से ढकें
-सुबह की सैर पर जाने के दौरान शरीर पर पसीना आने के बाद ही गर्म कपडो को निकालें
- प्रति सप्ताह नियमित ब्लड प्रेशर की जांच कराएं
-बुजुर्गो को कम से कम घर से बाहर निकालें
- सांस लेने की परेशानी या अन्य किसी प्रकार की घबराहट होने पर तुंरत चिकित्सक से मिलें