नोडल अधिकारियों को सौंपे दायित्व, समय-समय पर हो रही मानिटरिंग
जितेंद्र मेहरा।
सहारनपुर। जनपद के 23 गांवों को दिसंबर तक कुपोषण से मुक्त किया जाएगा। इस बाबत सरकार की ओर से संचालित योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। यही नहीं, किशोरियों को भी कुपोषण से बचाने के ठोस उपाय किए जा रहे हैं। इसमें आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दायित्व दिए गए हैं। समय-समय पर इसकी मानिटरिंग की जा रही है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा त्रिपाठी ने बताया, सरकार द्वारा संचालित योजानओं का जनपद में ठीक से क्रियान्वयन किया जा रहा है। ममता दिवस, किशोरी दिवस, अन्नप्राशन दिवस, गोदभराई दिवस जनपद के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों पर मनाया जाता है। उन्होंने बताया, सहारनपुर में 3410 आंगनबाड़ी केंद्र है। इनमें 3211 केंद्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की तैनाती की गई है। शेष केंद्रों पर सहायकों द्वारा कार्यों का निष्पादन किया जाता है। उन्होंने कहा, बच्चों और किशोरियों की सेहत जांच के लिए वजन केंद्र बिंदु होता है। इसी के माध्यम से हम कुपोषण की श्रेणी का आकलन करते हैं। सितम्बर माह कुपोषण से मुक्ति का महीना है। इस माह अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए प्रथम सप्ताह में लाभार्थियों के परिवारीजनों से भी संपर्क साधा जाएगा। किशोरी और बालिकाओं को एनीमिया से बचाने के ठोस उपाय होंगे। इसकी रोकथाम की जाएगी। किशोरियों को आयरन की गोलियां उपलब्ध कराई जाएंगी। बच्चों को दिए जाने वाले आहार के संबंध में परिवारिजनों व मां को संपूर्ण जानकारी दी जाएगी। सितम्बर के पूरे माह में प्रतिदिन कोई न कोई गतिविधियां अवश्य की जानी है। उसी के साथ-साथ सरकार द्वारा फंडेड स्कीम अन्नप्राशन तथा गोद भराई का भी विस्तृत पैमाने पर आयोजन होगा। प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र किशोरी, ममता, गोदभराई, अन्नप्राशन दिवस निर्धारित तिथि पर मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि जुलाई माह में अन्नप्राशन में 4562 बच्चों को इस योजना से लाभान्वित किया गया तथा गोद भराई कार्यक्रम में 3167 गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया, गत जुलाई से आगामी दिसंबर माह तक जनपद के कुल 23 गांवों को कुपोषण से मुक्त किया जाना है और उसे सुपोषित बनाना है। इस बाबत नोडल अधिकारियों को दायित्व सौंप दिए गए हैं। उन्होंने बताया, वह प्रतिमाह खुद आवंटित ग्रामों का भ्रमण करती हैं। अब तक की स्थिति संतोषजनक है।