सहारनपुर। बेहट बस स्टैण्ड के समीप मूंगागढ़ मार्ग पर एक दूसरे पर टिप्पणी करने को लेकर दो अलग-अलग समुदायों के बीच हुए पथराव व फायरिंग की घटना पर आज प्रशासनिक अधिकारियों की मध्यस्थता के चलते विवाद का पटाक्षेप कर दोनों पक्षों में समझौता कराया गया और भविष्य में ऐसी घटना की पुनर्रावृृत्ति न हो, इसकी विशेष हिदायत देते हुए चौकसी बरते जाने के निर्देश दिये गये।
आज नगर कोतवाली में जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी की मध्यस्थता में दोनों पक्षों की बैठक करायी गयी और दोनों पक्षों द्वारा घटना पर खेद व्यक्त किए जाने पर विवाद का पटाक्षेप किया गया। जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे व एसएसपी दिनेश कुमार पी ने दोनों पक्षों से आह्वान करते हुए कहा कि मामले को किसी रूप में तूल न दिया जाये, जिससे कि जनपद की शांति व्यवस्था भंग हो और अमनो चैन बिगड़े। आपसी सौहार्द को मजबूत किए जाने में वह लोग अपना योगदान दें ओर भविष्य में ऐसे प्रयास किए जाये कि ऐसी घटना की पुनर्रावृत्ति न हो सकें।
गौरतलब रहे कि नगर कोतवाली क्षेत्रान्तर्गत विगत् रात्रि लगभग साढ़े 11 बजे मूंगागढ़ मार्ग पर बाल्मीकि समाज के युवक आपस में बातचीत कर रहे थे कि इसी दौरान एक वर्ग विशेष के युवा आये ओर उनके बीच किसी बात को लेकर बहस हो गयी। विवाद इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों में मारपीट शुरू हो गयी और देखते ही देखते दोनों पक्षों के लोग भारी संख्या में एकत्रित होकर पथराव करने लगे। इस दौरान फायरिंग व पथराव भी किया गया। झगड़े की सूचना पूरे जनपद में आग की तरह फैल गयी और पूरे क्षेत्र में अफरा तफरी का माहौल बन गया। घटना की सूचना मिलते ही एसएसपी दिनेश कुमार पी समेत कई आला अधिकारी व कई थानेां की पुलिस व पीएसी मौके पर पहुंची और दंगा कर रही भीड़ को नियंत्रित किया। इस दौरान पुलिस द्वारा बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया गया।
इस मौके पर पथराव में कई लोग घायल भी हो गये, जिन्हें उपचार हेतु जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। क्षेत्र में तनाव को देखते हुए पुलिस व पीएसी बल को भी तैनात किया गया है। आज इस संबंध में नगर कोतवाली में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में दोनो पक्षों की बैठक आहूत की गयी और दोनों पक्षों के बीच शांति वार्ता करा समझौता कराया गया। इस दौरान दोनों पक्षों में शांति बनाए रखने पर अपनी सहमति व्यक्त की। बैठक में दोनों पक्षों की ओर से हाफिज मौहम्मद उवैस, इसरार प्रमुख, राजकुमार राजू, सोनी आजाद, राजकुमार बाल्मीकि सहित आदि लोग प्रमुख रूप से मौजूद रहे।