-प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र लोगो का छलका दर्द
-लोग बोले शर्ते पूरी होने के बाद जल्द किश्त मिलने की बात कह तुडवा दिए उनके आशियाने
-पुराना मकान ही ठीक था, इस सर्दी और बारिश में कम से कम छत तो थी
सिटीवेब अरविंद सिसौदिया।
नानौता। अधिकारियों की लापरवही ने प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से वंचित परिवारों से उनके घरों की छत ही छीन ली है। कडाके की ठंड में ये परिवार अब छत की जगह पाॅलीथीन या पल्ली लगाकर उनके नीचे रहने को मजबूर हो रहे है। जब ऐसे परिवारों से बात की गई तो उनका दर्द छलक कर बाहर आ गया ।
एक और जहां पहले से ही कडाके की ठंड चल रही है तो वहीं सोमवार को ऊपर से हुई बारिश ने कोढ में खाज का काम कर दिया। सच कहूं संवाददाता अरविन्द सिसौदिया ने जब इन परिवारों से बात की तो उनका दर्द जुंबा पर आया और प्रशासन को कोसने की बजाय हाथ जोडकर मकान निर्माण के लिए पहली किस्त जारी करने की प्रार्थना की। नगर नानौता में करीब 1200 मकान इस योजना के तहत स्वीकृत है। जिनमें से 780 का निर्माण हो चुका है। जबकि 40 परिवार ऐसे है जो सभी शर्ते पूरी कर चुके है लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते उनके खातों में किस्त नहीं आ पा रही हैं। ऐसे परिवारों के सदस्यों ने किस्त मिलने की उम्मीद से अपने पुराने कच्चे मकान व छत तोडकर प्रथम नीवं भराई कार्य तो शुरू कर दिया। लेकिन किस्त न आने के कारण अब उन्हें छत के स्थान पर पाॅलीथीन डालकर परिवार समेत रहना पड रहा है।
योजना के लाभ से वंचित पात्रों का छलकां दर्द -
1- नगर के देवबंद रोड निवासी वाजिद सलमानी ने बताया कि पीएमएवाई स्कीम के तहत जितनी भी शर्ते उनके द्वारा लगाई गई थी उन सभी को बडी से पूरी किया गया ताकि बच्चों को नई छत दी जा सके। जिसके चलते उन्होनें अपनी कच्ची छत को तोड दिया। लेकिन किस्त न आने के चलते उन्हें भरी सर्दी व बारिश में पन्ना डालकर रहने को मजबूर होना पड रहा है।
2- नगर के मुहल्ला शेखजादगान निवासी नरेन्द्र पांचाल ने कहा कि वह नगर पंचायत के चक्कर लगाकर थक चुका है। मकान टूटने के बाद आज तक दूसरी किस्त न आने से परिवार के लोगों को किराएं के घर में रहने को मजबूर होना पड रहा है।
3- नगर के मुहल्ला चांहमजिली निवासी सलीम पुत्र यासीन का कहना है कि पूरी किस्ते न आने से उसके मकान पर छत नहीं डल पाने से उसे खुलेआसमान के नीच जीवनयापन करना पड रहा है।
4- नगर के मुहल्ला शेखजादगान निवासी राधेश्याम सैनी का कहना है कि किस्त न आने से अधिकारियों ने उन्हें अपने घर से ही बेघर कर दिया है। उनके पुराने आशियाने भी तुडवा दिए है, और किस्त जारी नहीं कर रहे है। सर्दी की रात वे जैसे तैसे कर बिताने को मजबूर है। बारिश में उनके लिए सिर ढांपने के लिए छत नहीं है।
क्या बोले अधिकारी -
इस संबध में नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी बृजेन्द्र चैधरी ने बतााय कि डूडा अधिकारियों द्वारा उन्हें बताया गया कि सभी पात्र लोगों की सूचनी डूडा कार्यालय भेजी जा चुकी है। अब केवल जो भी समय लगना है वो पैसा सेंक्शन होने में लगना है। अब वो कब तक होगा इसके बारे में सही नहीं बताया जा सकता है।