सुदर्शन कपटियाल।
सहारनपुर। आश्विन मास में कृष्ण पक्ष में पार्वन श्राद्ध दिनांक 25 सितंबर 2019 को एकादशी व द्वादशी का श्राद्ध एक साथ होगा।
ज्योतिषशास्त्र आचार्य ऋषि गोतित राजेश पाल ने बताया कि पार्वन श्राद्ध दोपहर यानि अपराहन काल व्यापनी मृत्यु तिथि को होता है। इस वर्ष द्वादशी तिथि अपराहन काल 25 सितम्बर 2019 को ही पड़ रहा है। अतः एकादशी व द्वादशी का श्राद्ध एक साथ होगा। एकादशी व द्वादशी को जिन जिन के पूर्वजों की मृत्यु हुई है। इसके अतिरिक्त द्वादशी तिथि में सन्यासी ,वैष्णव जनों, जिन्होंने वैराग्य ले लिया है और यति मानव आदि श्राद्ध किया जाता है। सबसे प्रमुख बात यह है इस एकादशी को इंदिरा एकादशी कहते हैं जो पितृपक्ष में आती है । शास्त्रों के अनुसार जो पूर्वज जाने अनजाने पापों के कारण यमलोक में दंड भोग रहे हैं उनके परिवार वाले यदि एकादशी को विधि विधान से व्रत करके उस पुण्य को उनके नाम दान कर दें तो पूर्वजों को मोक्ष मिल जाता है। साथ ही कर्म करने वाला भी मृत्यु के पश्चात बैकुंठ लोक में जाता है। एकादशी को विष्णु सहस्त्रनाम विष्णु सतनाम स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। द्वादशी तिथि में इस व्रत का परायन होता है। इससे पितरों को मुक्ति मिलती है। श्राद्ध में लहसुन, प्याज, बैंगन, मांस, मदिरा , पान सुपारी ,तंबाकू का सेवन भूलकर भी न करें। किसी भी विद्वान पंडित जी से तर्पण पिंडदान व कर्म मंत्रों के साथ तथा पूरी विधि विधान श्रद्धा के साथ श्राद्ध करें।