क्या आप जानते हैं कि हरियाणा में 20 ऐसे गांव हैं, जिनके घरों में कोई मां-बाप अपनी बेटी देने को तैयार नहीं है। दरअसल, ये गांव हरियाणा के मेवात जिले के नगीना खंड के हैं। यहां की सबसे बड़ी समस्या पानी न होना है जिसके कारण लोगों का घर नहीं बस पा रहा है।
वहीं नगीना खण्ड के करीब 20 गांव पिछले 30 साल से पीने के पानी को तरस रहे हैं। मजबूर होकर लोग एक हजार का टेंकर पानी खरीदकर पीने को मजबूर हैं। सरकार द्वारा मेवात इलाके के 503 गांवों के लोगों की प्यास बुझाने के लिये करीब 13 साल पहले शुरू की गई 425 करोड रूपये की राजीव गांधी पेयजल रेनीवेल परियोजना का मेवात के अधिक्तर गावों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है। मजबूर होकर लोग पानी का टैंकर खरीदकर पीने को मजबूर हैं।
मेवात जिला के 443 गावों में करीब 60 फीसदी गावों में पीने योग्य पानी नहीं हैं, जमीनी पानी खारा है। मेवात जिला के कुछ गांवों के छोड़कर केवल अरावली पर्वत श्रंखला की तलहेटी में ही पीने लायक पानी है।
जहां भी वाटर लेवल काफी गहरा चला जाने की वजह से अधिक्तर बोरवैल खराब हो गये हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने 425 करोड रुपये की लागत से 2 अक्तूबर 2004 को पुन्हाना खण्ड के गांव मढियाकी में रेनीवेल परियोजना का शिलान्यास किया था।