-लाखों निवषकों को लाखों करोड़ रूपये का नुकसान
वैश्विक बाजारों में मंदी के रुख के चलते बंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स सूचकांक में सोमवार को कारोबार के दौरान 2300 अंक तक की गिरावट दर्ज की गई। इस दौरान कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ने और कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट के चलते बाजार पर दबाव देखने को मिला। अंत में बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 1,941.67 अंक का गोता लगाकर 35,634.95 और एनएसई निफ्टी 538 अंक लुढ़ककर 10,451.45 अंक पर बंद हुआ। देश ही नहीं दुनियाभर में करोड़ों शेयर धारकों का दिवाला निकल गया। 2008 में आयी मंदी से भी भयानक मंदी आयी है। जिससे बाजार चैपट हो गये। इंडिया में लोगों की होली का त्योहार हो-ली में बदल गया है। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा करीब 30 प्रतिशत गिरकर 32.11 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गया। ऊर्जा बाजार में प्रमुख तेल उत्पादक देशों के बीच कीमतों को काबू में करने को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाने और इसके बाद प्रमुख निर्यातक सऊदी अरब द्वारा कीमत यु्द्ध छेड़ देने के चलते ये गिरावट आई है। सेंसेक्स में सबसे अधिक 11 प्रतिशत गिरावट ओएनजीसी में देखी गई। इंडसइंड बैंक, आरआईएल, पावरग्रिड, टाटा स्टील, एलएंडटी, एसबीआई और टेक महिंद्रा भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। एकमात्र सन फार्मा के शेयर में बढ़त देखने को मिली। कारोबारियों ने बताया कि तेल कीमतों में भारी गिरावट और वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता के माहौल के देखते हुए घरेलू बाजार में निवेशक सतर्क रूख अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी फंडों के बाहर जाने से बाजार की धारणा पर नकारात्मक असर पड़ा।
कारोबारियों ने बताया कि यस बैंक के संकट के मद्देनजर देश के बैंकिंग क्षेत्र की स्थिरता को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं। शंघाई शेयर बाजार में 2.41 प्रतिशत, हांगकांग में 3.53 प्रतिशत, सियोल में 3.89 प्रतिशत और टोक्यो में 5.65 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। यस बैंक के शेयरों में सोमवार को 30 प्रतिशत से अधिक तेजी देखने को मिली। नकदी संकट से जूझ रहे इस बैंक में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 2,450 करोड़ रुपये में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने की बात कही है, जिसके बाद यह तेजी आई।यस बैंक के शेयर बीएसई में 29.63 प्रतिशत की तेजी के साथ 21 रुपये के भाव पर थे। एनएसई में बैंक के शेयर 32.20 प्रतिशत की उछाल के साथ 21.35 पर आ गए। एसबीआई ने शनिवार को कहा था कि वह 2,450 करोड़ रुपये में यस बैंक की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगा। उसने स्पष्ट किया कि इस खरीदारी के बाद पुनर्गठित बैंक में जमा और देनदारियां पहले की तरह बनी रहेंगी।