नई दिल्ली। दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के नाम जारी हिंसा में एक पुलिसकर्मी की जान चली गई है। गोकुलपुरी इलाके में बवालियों के हंगामे में दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल को अपनी जान गंवानी पड़ी। वहीं दिल्ली पुलिस के डीसीपी अमित शर्मा घायल हुए हैं। हेड कॉन्स्टेबल की मौत की खबर सुनते ही उनकी पत्नी की हालत खराब हो गई। जानकारी के मुताबिक उन्हें टीवी पर जैसे ही पता चला कि उनके पति हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल अब इस दुनिया में नहीं रहे तो ये खबर सुनते ही वो बेहोश हो गईं।दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले थे। दिल्ली में अपने परिवार के साथ बुराड़ी के अमृत विहार में रहते थे। सोमवार को जैसे ही गोकुलपुरी इलाके में हुई हिंसा में हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल के जान गंवाने की सूचना आई, उनकी पत्नी पूनम बेसुध हो गईं। टीवी पर जैसे ही पूनम ने सुना कि उनके पति अब इस दुनिया में नहीं रहे तो इतना सुनते ही वो घर में बेहोश हो गईं। रतन लाल के परिवार में पत्नी पूनम, दो बेटी और एक 9 साल का बेटा है। तीनों बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। जिस तरह से रतन लाल की हिंसक प्रदर्शन में जान गई उसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि आखिर विरोध के नाम पर उपद्रवियों की हिंसा को जायज कैसे हो सकती है? जिस तरह से गोकुलपुरी हिंसा में हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की जान गई, उसने पूरे परिवार को गहरा आघात दे दिया। हंसते-खेलते परिवार पर अचानक दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। आखिर रतन लाल का कसूर क्या था वो तो अपनी नौकरी कर रहे थे लेकिन उपद्रवियों के निशाने पर आ गए। अब उनकी पत्नी और बच्चों का क्या होगा, कैसे उनका पत्नी खुद और बच्चों को संभालेंगी? ये सवाल सभी के जेहन में उठ रहा है।