नई दिल्ली। भारत में मेडिकल सप्लाई से भरे स्पेशल विमान को वुहान जाने के लिए चीन की तरफ से अब तक मंजूरी नहीं मिल पाई है। वहीं, अब ऐसी खबर आ रही है कि कोरोना वायरस प्रभावित चीन ने जापान, यूक्रेन और फ्रांस की उड़ानों को तो 16 से 20 फरवरी के बीच जाने की इजाजत दे दी लेकिन भारत के आधिकारिक अनुरोध को स्वीकार नहीं किया है। इससे चीन के उस दावे की पोल खुल जाती है जिसमें उसने कहा था कि भारतीय विमान को मंजूरी देने में जानबूझकर देरी नहीं कर रहा।दरअसल, भारत गुरुवार को ही वायु सेना के सबसे बड़ा मालवाहक विमान सी-17 ग्लोबमास्टर चीन भेजने वाला था और वापसी में उससे वुहान शहर व हुबेई प्रांत में फंसे नागरिकों को स्वदेश लाया जाता।उधर, आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया, श्चीन ने जापान, यूक्रेन और फ्रांस की उड़ानों को 16 से 20 फरवरी के बीच संचालन की अनुमति दी थी, लेकिन भारत के अनुरोध को अभी तक मंजूरी नहीं मिली। वुहान में फंसे भारतीय वहां से वापसी पर अनिश्चतता के कारण चिंता और मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं।श्सरकार से जुड़े उच्च स्तरीय सूत्र ने कहा, श्वुहान में रह रहे नागरिकों को वापस लाने के लिए भेजे गए विमान को मंजूरी देने में चीन जानबूझकर देरी कर रहा है।श् वायुसेना के विमान को चीन में चिकित्सा आपूर्ति की बड़ी खेप लेकर पहुंचना था और वुहान से भारतीयों को वापस लाना था। सूत्रों ने बताया कि चीन लगातार ये कह रहा कि विमान को मंजूरी देने में उनकी ओर से कोई देरी नहीं हुई लेकिन उसने श्बिना साफ वजहश् बताए क्लीयरेंस नहीं दी है।भारत के आरोप पर चीन दूतावास के प्रवक्ता ने सफाई देते हुए कहा है कि चीन की सरकार वहां रह रहे भारतीयों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को काफी अहमियत देती है। उन्होंने कहा, श्हमने भारतीय नागरिकों के वापस जाने में पूरी मदद मुहैया कराई। हुबेई में महामारी की स्थिति बहुत ही जटिल हो चुकी है और बचाव और रोकथाम क्रिटिकल स्टेज में है। दोनों ही देशों के विभाग इस संबंध में लगातार बातचीत कर रहे हैं। ऐसा कुछ भी नहीं है कि चीन जानबूझ कर भारतीय विमान को चीन आने की मंजूरी नहीं दे रहा है।