रावण को मरवाने के पीछे था शूर्पणखा का हाथ? भाई की मौत के बाद क्या हुआ?
शिवानी शर्मा-
भगवान राम, लक्ष्मण, सीता और रावण के बारे में तो हर कोई जानता है। लेकिन रामायण का एक और अहम किरदार है जिसका नाम शूर्पणखा है।
कहा जाता है कि अगर शूर्पणखा ना होती तो रामायण ही ना होती। क्योंकि रामायण का पूरा युद्ध लक्ष्मण द्वारा शूर्पणखा की नाक काटी जाने के बाद ही शुरू हुआ था। लेकिन शूर्पणखा के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं आइए आपको बताते हैं शूर्पणखा से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें।।
- राक्षस के परिवार की होने की वजह से शूर्पणखा को अपना भेष बदल लेने की शक्तियां प्राप्त थी। वह अपने चेहरे के रंग के साथ-साथ अपनी आवाज भी बदल लेती थी। जबकि शूर्पणखा का असली रंग-रूप बहुत ही डरावना था।
शूर्पणखा ने अपने पसंद के एक व्यक्ति से विवाह किया था। जिसका नाम विद्युतजिह्वा था और वो राजा कालकेय का सेनापति था लेकिन कालकेय के साथ हुए युद्ध में रावण ने शूर्पणखा के पति को मार डाला। पति की मृत्यु के बाद शूर्पणखा ने अपनी पूरी जिंदगी लंका और दक्षिण भारत के जंगलों में बिताई।
शूर्पणखा भगवान श्री राम के रूप पर मोहित हो गई थी। यह तो आपको पता ही होगा। लेकिन एक पत्नी व्रता होने की वजह से भगवान राम ने उसे लक्ष्मण के पास भेज दिया। लक्ष्मण भी एक पत्नी व्रता थे, उन्होंने भी सूप नखा को अपनाने से इंकार कर दिया। गुस्से में आकर शूर्पणखा ने सीता पर हमला करने की कोशिश की जिसके बाद लक्ष्मण ने उसकी नाक और कान काट दिए।
हालांकि एक कहानी यह भी है कि पति के मारे जाने के बाद वह भाई रावण से बदला लेना चाहती थी। लेकिन उसे रावण की शक्तियों का भी एहसास था और जब उसने राम के पराक्रम के बारे में सुना और देखा तो रावण से बदला लेने की उसकी इच्छा फिर से जाग उठी। इसलिए उसने भगवान राम और रावण के बीच दुश्मनी पैदा करने का काम किया और रावण को सीता का अपहरण करने के लिए प्रेरित किया।
जिसके बाद की कहानी आप सभी जानते ही हैं कहा जाता है कि राम और रावण की मौत के बाद शूर्पणखा विभीषण के साथ लंका में ही रहने लग गई और कुछ सालों के बाद शूर्पणखा और उसकी सौतेली बहन कुंबिनी समुद्र के किनारे मृत अवस्था में पाई गई थी।