प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) के खुर्जा-भाऊपुर सेक्शन का उद्घाटन किया। उत्तर प्रदेश में मौजूद ये सेक्शन करीब 5 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रेल मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहे। इस दौरान देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिन रेलवे को नई पहचान देने वाला है। उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बन रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत न केवल आधुनिक रेलगाड़ियां बना रहा है, बल्कि उनका निर्यात भी कर रहा है। वहीं दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने कहा कि आंदोलनों और प्रदर्शनों में देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है, ये संपत्ति किसी सरकार या पार्टी की नहीं बल्कि आपकी हैं। इन संपत्ति को होने वाला नुकसान गरीब का नुकसान है
आंदोलनों में देश की संपत्ति को पहुंचाया जाता है नुकसान
कई आंदोलनों और प्रदर्शनों में देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है, ये संपत्ति किसी सरकार या पार्टी की नहीं बल्कि आपकी ही है। ऐसे में अगर किसी संपत्ति को नुकसान होता है, तो गरीब का नुकसान होता है।
राजनीतिक दलों को स्पर्धा करनी है तो इंफ्रास्ट्रक्चर की क्वालिटी, स्पीड और स्केल पर चर्चा होनी चाहिए।
2014 से पहले इस परियोजना के लिए जो पैसा भी स्वीकृत हुआ, वो सही तरीके खर्च नहीं हो पाया। 2014 में इस परियोजना के लिए फिर से फाइलों को खंगाला गया। अधिकारियों को नए सिरे से आगे बढ़ने के कहा गया, तो बजट करीब 45 गुना बढ़ गया।
भारत आधुनिक रेलगाड़ियों को बनाने के साथ ही उनका निर्यात भी कर रहा है
यूपी के 45 माल गोदामों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त किया गया है। इसके अलावा राज्य में 8 नए गुड्स शेड भी बनाए गए हैं। वहीं वाराणसी और गाजीपुर में 2 बड़े पेरिशेबल कार्गो सेंटर पहले ही किसानों को सेवा दें रहे हैं।
भारत न केवल आधुनिक रेलगाड़ियां बना रहा है, बल्कि उनका निर्यात भी कर रहा है। पिछले 6 वर्षों में, रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्ट्री ने 5,000 से अधिक नए रेलवे कोच बनाए हैं और निर्यात भी उसी से किया जा रहा है।
2006 में इस परियोजना को मंजूरी दी गई थी, उसके बाद ये परियोजना सिर्फ कागजों और फाइलों में बनती रही। केंद्र को राज्यों को जिस तत्परता से बात करनी थी, वो हुआ ही नहीं। नतीजा ये हुआ की काम अटक गया, लटक गया भटक गया।
एक ही पटरी पर चलती हैं यात्री ट्रेन और मालगाड़ी
हमारे यहां यात्री ट्रेन और मालगाड़ियां दोनों एक ही पटरी पर चलती हैं। मालगाड़ी की गति धीमी होती है। ऐसे में मालगाड़ियों को रास्ता देने के लिए यात्री ट्रेनों को स्टेशनों पर रोका जाता है। इससे यात्री ट्रेन भी लेट होती है और मालगाड़ी भी।
हमने दो डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर शुरू करने की योजना बनाई है। पहला पंजाब के लुधियाना को पश्चिम बंगाल के दनकुनी से जोड़ेगा। दूसरा महाराष्ट्र में जेएनपीटी को उत्तर प्रदेश में दादरी से जोड़ेगा।