नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव में 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे, इससे ठीक पहले 5 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए श्श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्टश् बनाने का ऐलान कर दिया है। पीएम मोदी की इस ऐलानगी के साथ ही दिल्ली चुनाव में किस्मत आजमा रहीं राजनीतिक पार्टियों ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं तो राजनीतिक विश्लेषक इससे बीजेपी को होने वाले नफा-नुकसान की गणना में जुट गए हैं। हालांकि चुनावा आयोग की ओर से जारी बयान के बाद राजनीतिक दलों की ओर से उठाए जा रहे सवालों पर विराम लग जाना चाहिए।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि यह घोषणा कहीं से भी आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है। इसके लिए सरकार को चुनाव आयोग को पहले से सूचित करने की कोई जरूरत नहीं थी। वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी कहा है कि राम मंदिर ट्रस्ट के फैसले को दिल्ली चुनाव से जोड़कर देखना बेमानी है। इन सबके बीच समझने की कोशिश करते हैं कि क्या वाकई राम मंदिर ट्रस्ट के फैसले से बीजेपी को कोई फायदा होने वाला है? चुनाव आयोग के मुताबिक दिल्ली में कुल 1।47 करोड़ मतदाता हैं, जिसमें 81।05 लाख पुरुष, 66।80 लाख महिला मतदाता हैं। वहीं 2011 की जनगणना के धर्म आधारित आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में एक करोड़ 37 लाख हिंदू हैं। यानी दिल्ली में करीब 10 लाख मुस्लिम मतदाता हैं। इनमें से ज्यादातर मुस्लिम आबादी आठ विधानसभा क्षेत्रों में सिमटी हुई है।