कानपुर। कानपुर में बीआईसी बंगलों की खरीद फरोख्त और आयकर छापों में उलझे भार्गव हॉस्पिटल के मालिक डॉ. शाक्ति भार्गव गुरुवार को नई मुसीबत में घिर गए। गुरुवार को चुनावी मौसम में राजनीतिक बयानबाजी के बीच नई दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में साध्वी प्रज्ञा के मुद्दे पर जब पार्टी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव मीडिया से रूबरू थे तभी डॉक्टर शक्ति भार्गव ने उनपर जूता फेंक दिया। हालांकि उन्होंने यह क्यों किया इसका कारण नहीं पता चल सका है।
डॉ शक्ति भार्गव कानपुर के नामचीन अस्पताल भार्गव हॉस्पिटल के मालिक और शहर के नामचीन डॉक्टरों में गिने जाते हैं। हाल ही में वह बीआईसी बंगलों की खरीद फरोख्त को लेकर आयकर की नजरों में चढ़े हैं। इतना ही नहीं इन बंगलों को लेकर उनके घर में भी गृह युद्ध छिड़ा है। डॉ. शक्ति के पिता और मां ने बेटा-बहू पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
बीआईसी बंगलों को मां डॉ. दया भार्गव के नाम खरीदा फिर उन्हें एक कंपनी बनाकर ट्रांसफर करा लिया। बाद में मां और भाई को ही कंपनी से बाहर कर दिया गया। हालांकि यह मुद्दा हल होने से पहले करीब छह माह पूर्व ही उनके डॉ शक्ति के पिता वेद प्रकाश भार्गव का निधन हो गया।
डॉ. शक्ति भार्गव कानपुर स्थित भार्गव हॉस्पिटल का मालिक है। दिसंबर 2018 में आयकर विभाग की टीम ने डॉ. भार्गव के घर व कई ठिकानों पर छापा मारा था। इनका रियल एस्टेट का भी कारोबार है। आयकर विभाग के मुताबिक डॉ. शक्ति भार्गव ने स्काई लाइन निर्माण प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में करीब आठ करोड़ रुपये का निवेश किया था, लेकिन डॉ. भार्गव यह नहीं बता सके कि इस रकम का स्रोत क्या है, इन्होंने इतनी रकम किस तरह से जुटाई है। स्काई लाइन निर्माण प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में कानपुर के बिल्डर अनूप अग्रवाल की भी भागीदारी है। इस कनेक्शन में अफसरों ने अनूप अग्रवाल के प्रतिष्ठानों पर जांच शुरू कर दी है।