अनूसचित जाति के बेरोजगारों को आत्म निर्भर बनाने के लिए योजना शुरू
उत्तर प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति के बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार का अवसर दिये जाने के लिए कई योजनाएं चलाई गयी है। अनुसूचित जाति के बेरोजगार युवकों के आर्थिक उत्थान के लिए तैयार सरकार की इस योजना के तहत जिले में अनुसूचित जाति के लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा।
अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम अनुसूचित जाति के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पं0दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना का संचालन किया है। रोजगार परक स्वरोजगार योजना में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति के युवक/युवतिंयों, को किसी व्यवसाय हेतु ऋण लेना चाहते है, को बैंक के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जाता है। अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के द्वारा अधिकतम 10 हजार रूपए का अनुदान एवं परियोजना लागत का 25 प्रतिशत मार्जिन मनी ऋण 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर जिसकी वसूली 36 मासिक किस्तों में की जाती है। शेष बैंक ऋण बैंक व्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है। सहारनपुर जनपद में चालू वित्तीय वर्ष में अनुसूचित जाति के 138 लोगों को योजना के माध्यम से लाभ दिया गया है। योजना के अंतर्गत 102 लाभार्थियों के द्वारा आत्मनिर्भर बनने की दिशा में लगातार प्रगति की जा रही है।
सरकार न हर क्षेत्र में अनुसूचित जाति के उत्थान के लिए ऐसे लोगों को जो गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करते है, ऐसे व्यक्ति जिनके पास शहरी क्षेत्र/ग्रामीण क्षेत्र में व्यवसायिक स्थल पर स्वंय की भूमि/प्लाट अभिलेखों सहित उपलब्ध हो तथा उस भूमि पर दुकान निर्मित करना चाहता हो, को दुकान निर्माण के लिए 78 हजार रूपए उपलब्ध कराया जाता है। जिसमें निगम द्वारा अधिकतम 10 हजार रूपए का अनुदान तथा शेष 68 हजार रूपए ब्याज मुक्त ऋण के रूप में उपलब्ध कराया जाता है। उपलब्ध कराये गये ऋण की वसूली 120 मासिक किस्तो में की जाती है। चालू वित्तीय वर्ष मंे पांच लोगों को योजना का लाभ दिया जा चुका है तथा 7 लाभार्थियों को ऋण उपलब्ध कराये जाने की कार्रवाही की जा रही है।
सरकार ने हिन्दू धोबी समाज के व्यक्तियों की भाॅति अनुसूचित जाति वर्ग की सभी जातियों को जो गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहा है लाॅण्ड्री एवं ड्राईक्लीनिंग योजना का व्यवसाय करना चाहता है, को 2.16 लाख रूप एवं 1.00 लाख की परियोजनाओं के लिए ऋण दिया जाता है। योजना के अंतर्गत 10 हजार रूपए का अनुदान एवं 2 लाख 60 हजार रूपए तथा 90 हजार रूपए का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाता है। इस योजना में लाभार्थी को जाति एवं आय प्रमाण पत्र के साथ दो सरकारी जमानतदार भी देने होगे। ब्याज मुक्त ऋण की वसूली 60 मासिक किस्तों में की जाती है। चालू वित्तीय वर्ष में 7 लोगों को लाभ दिये जाने का लक्ष्य निर्धारित है, जिसमें से दो का चयन कर लिया गया है।
अनुसूचित जाति के लोगों को योजना का लाभ देने के लिए जनपद का स्थायी निवासी हो। अनुसूचित जाति का व्यक्ति हो। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करता होे। ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम आय 46080 रूपए व शहरी क्षेत्र में 56460 रूपए से अधिक ना हो कर सक्षम अधिकारी द्वारा प्रमाण पत्र निर्गत हो। किसी भी अन्य संस्था/निगम से पूर्व में किसी योजना में अनुदान/ऋण प्राप्त ना किया हो। अनूसुचित जाति के पात्र व्यक्ति/विभिन्न प्रदेशो से वापस आ रहे श्रमिको को ग्रामीण क्षेत्र से सम्बन्धित अपने विकास खण्ड मे नियुक्त सहा0/ग्राम विकास अधिकारी(स0क0) एवं शहरी क्षेत्र के पात्र व्यक्ति किसी भी कार्य दिवस में कार्यालय जिला प्रबन्धक उ0प्र0 अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लिमिटैड, विकास भवन में उपस्थित होकर सम्बन्धित आवेदन पत्र प्राप्त कर आवश्यक अभिलेखों यथा जातिप्रमाण पत्र वार्षिक आयप्रमाण पत्र, आधारकार्ड, राशनकार्ड, व भूमि अभिलेख आदि प्रमाण पत्र सहित आवेदन पत्र तैयार कर फोटो सहित सलंग्न करते हुए 07 नवम्बर, 2020 तक कार्यालय में जमा कर सकतेे हैं। अभ्यर्थियों का चयन जिला स्तर पर गठित समिति द्वारा किया जायेगा। अभ्यर्थियों के साक्षात्कार हेतु अलग से सूचना प्रेषित कर जिला स्तर पर गठित चयन समिति द्वारा चयन किया जायेगा