अंडा उत्पादन का हब बनेगा सहारनपुर
कुक्कुट विकास नीति के तहत सहारनपुर को अंडा उत्पादन का हब बनाने की कवायद तेज कर दी गई है। अभी तक हर माह 3.74 लाख अंडे की आपूर्ति जिले से उत्तराखंड, हरियाणा एवं पड़ोसी जिलों में हो रही थी, लेकिन अब इस लक्ष्य को पांच करोड़ किया गया है। इसके तहत 1.80 करोड़ रुपये से नई आठ बड़ी यूनिट लगाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
वर्ष 2013 में कुक्कुट विकास नीति योजना लागू की गई। इस योजना को अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित किया गया। बड़ी यूनिट 1.80 करोड़ की है, जिसमें 30 हजार मुर्गियों को रखने की शर्त है। दूसरी श्रेणी में 70 लाख रुपये की यूनिट है, जिसमें दस हजार मुर्गियों को रखने का प्रावधान है। तीसरी श्रेणी चूजा उत्पादन की इकाई है। पॉल्ट्री फार्म संचालित करने वाले व्यक्ति को पशुपालन विभाग की ओर ऋण दिलाकर 30 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। वर्तमान में जिले में इन यूनिटों से 3.74 करोड़ अंडों की आपूर्ति सहारनपुर के मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, देहरादून, यमुनानगर और अंबाला में हो रही है, लेकिन इस दायरे को बढ़ाने और जिले को अंडा उत्पादन हब बनाने के लक्ष्य को छह करोड़ किया गया है। इसके तहत पशुपालन विभाग ने 1.80 करोड़ वाली आठ नई बड़ी यूनिट जनपद में स्थापित कराने के लिए शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। अगले दो माह के अंदर इन यूनिटों को स्थापित कराया जाएगा। इसके अलावा 70 लाख वाली इकाईयों को बढ़ाने के लिए रूपरेखा तैयार की जा रही है।
चूजा उत्पादन की यूनिट भी बढ़ेंगी
वर्तमान में जिले में दस चूजा उत्पादन की यूनिट संचालित हैं। इनकी संख्या भी दो गुना करने का प्रस्ताव बनाया जा रहा है। पशुपालन विभाग के मुताबिक अभी हर माह 40 हजार चूजों का उत्पादन हो रहा है।
वर्तमान की स्थिति
- 1.80 करोड़ वाली 47 यूनिट लगी हैं, प्रत्येक यूनिट में 30-30 हजार मुर्गियां हैं।
- 70 लाख वाली 27 यूनिट हैं, जिनमें दस-दस हजार मुर्गियां हैं।
- चूजा उत्पादन की यूनिट दस हैं, जिनको दो गुना किया जाना है।
जिले में आठ नई बड़ी यूनिट लगाई जाएंगी। इसके तहत हर माह पांच करोड़ अंडों के उत्पादन का लक्ष्य रहेगा। वर्तमान में 3.74 करोड़ अंडों की हर माह आपूर्ति हो रही है। नई इकाइयों के लिए सभी दस्तावेज पूरे कर प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया।